इंडोनेशिया में कानून में बदलाव को लेकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प

इमेज कैप्शन,प्रदर्शन के दौरान संसद के बाहर अराजकता देखने को मिली. कुछ प्रदर्शनकारियों ने गेट तोड़ने की कोशिश की. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में संवैधानिक अदालत के फैसले को पलटने के सरकार के प्रयास के विरोध में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. प्रदर्शन के दौरान संसद के बाहर अराजकता देखने को मिली, यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने गेट तोड़ने की कोशिश की, जबकि अन्य लोग शांति की अपील कर रहे थे. जकार्ता के अलावा अन्य प्रमुख शहरों जैसे- पड़ांग, बांडुंग और योग्याकार्ता में भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई. पर्यवेक्षकों का कहना है कि राष्ट्रपति के समर्थकों का वर्चस्व वाली इंडोनेशिया की संसद और देश की संवैधानिक अदालत के बीच सत्ता संघर्ष एक राजनीतिक संकट को जन्म दे सकता है. बुधवार को इंडोनेशिया की शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि किसी उम्मीदवार को चुनाव में उतारने के लिए पार्टियों को क्षेत्रीय विधानसभाओं में न्यूनतम 20 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की आवश्यकता नहीं है. इसके 24 घंटे के भीतर संसद ने इस फैसले को पलटने के लिए एक आपातकालीन प्रस्ताव पेश किया. हालांकि, संसद में पर्याप्त सांसदों की मौजूदगी नहीं होने के चलते गुरुवार को मतदान स्थगित कर दिया गया. यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो यह निवर्तमान राष्ट्रपति जोको जोकोवी विदोदो और उनके उत्तराधिकारी प्रबोवो सुबियांतो के लिए सहूलियत भरा होगा. इससे कई स्थानीय चुनावों के निर्विरोध होने की उम्मीद है.(bbc.com/hindi)

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इमेज कैप्शन,प्रदर्शन के दौरान संसद के बाहर अराजकता देखने को मिली. कुछ प्रदर्शनकारियों ने गेट तोड़ने की कोशिश की. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में संवैधानिक अदालत के फैसले को पलटने के सरकार के प्रयास के विरोध में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. प्रदर्शन के दौरान संसद के बाहर अराजकता देखने को मिली, यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने गेट तोड़ने की कोशिश की, जबकि अन्य लोग शांति की अपील कर रहे थे. जकार्ता के अलावा अन्य प्रमुख शहरों जैसे- पड़ांग, बांडुंग और योग्याकार्ता में भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई. पर्यवेक्षकों का कहना है कि राष्ट्रपति के समर्थकों का वर्चस्व वाली इंडोनेशिया की संसद और देश की संवैधानिक अदालत के बीच सत्ता संघर्ष एक राजनीतिक संकट को जन्म दे सकता है. बुधवार को इंडोनेशिया की शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि किसी उम्मीदवार को चुनाव में उतारने के लिए पार्टियों को क्षेत्रीय विधानसभाओं में न्यूनतम 20 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की आवश्यकता नहीं है. इसके 24 घंटे के भीतर संसद ने इस फैसले को पलटने के लिए एक आपातकालीन प्रस्ताव पेश किया. हालांकि, संसद में पर्याप्त सांसदों की मौजूदगी नहीं होने के चलते गुरुवार को मतदान स्थगित कर दिया गया. यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो यह निवर्तमान राष्ट्रपति जोको जोकोवी विदोदो और उनके उत्तराधिकारी प्रबोवो सुबियांतो के लिए सहूलियत भरा होगा. इससे कई स्थानीय चुनावों के निर्विरोध होने की उम्मीद है.(bbc.com/hindi)