इस पौधे का फूल-पत्ती, जड़ और तना, सब फायदेमंद, छूमंतर हो जाएगी हर बीमारी

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ अनुराग अहिरवार ने कहा कि आयुर्वेद में भटकटैया को कंटकारी कहते हैं. जिसकाइस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में आज भी खांसी, दमा,ज्वर और दांत दर्द मे किया जाता है. इसके फलों को भूनकर लिया जा सकता है, बड़ी कंटकारी के बीजों का धुआं लेने से दांत के दर्द एवं दांत के कीड़ों में काफी राहत मिलती है. इसकी जड़ का भी कई प्रकार की औषधि में प्रयोग किया जाता है, पथरी में भी इसकी जड़ का उपयोग किया जाता है जिसके अच्छे रिजल्ट मिलते हैं.

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आयुर्वेद चिकित्सक डॉ अनुराग अहिरवार ने कहा कि आयुर्वेद में भटकटैया को कंटकारी कहते हैं. जिसकाइस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में आज भी खांसी, दमा,ज्वर और दांत दर्द मे किया जाता है. इसके फलों को भूनकर लिया जा सकता है, बड़ी कंटकारी के बीजों का धुआं लेने से दांत के दर्द एवं दांत के कीड़ों में काफी राहत मिलती है. इसकी जड़ का भी कई प्रकार की औषधि में प्रयोग किया जाता है, पथरी में भी इसकी जड़ का उपयोग किया जाता है जिसके अच्छे रिजल्ट मिलते हैं.