गांवों में हाथियों का उत्पात, तोड़े घर

छत्तीसगढ़ संवाददाता बलरामपुर, 19 फरवरी। बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत बगरा एवं मेंढ़ारी गांव में हाथियों का दल लगातार उत्पात मचा रहा है। बीती रात ग्राम पंचायत बगरा में हाथियों ने अचानक ग्रामीणों के घरों पर हमला करते हुए घरों को तोड़-फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया और घरों के भीतर रखे हुए अनाज को खा गए। ग्रामीणों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। लगातार वनों की कटाई से हाथियों की समस्या क्षेत्र में बढ़ रही है। इसी तरह वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के ग्राम मेंढ़ारी में तीन हाथियों के दल ने ग्रामीण के घर को तोडक़र क्षतिग्रस्त कर दिया और घर के अंदर रखे हुए अनाज को खा गए। रात्रि में मेंढारी के ग्रामीण हरवंश मरावी के घर को तोड़-फोड़ कर पूरी तरह क्षतिग्रस्त भी कर दिया है। ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी, वहीं मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची और वहां के आसपास के ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा है। वन विभाग की टीम द्वारा महुआ देसी शराब दारु बनाने से भी ग्रामीणों को मना किया गया है।

गांवों में हाथियों का उत्पात, तोड़े घर
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
छत्तीसगढ़ संवाददाता बलरामपुर, 19 फरवरी। बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत बगरा एवं मेंढ़ारी गांव में हाथियों का दल लगातार उत्पात मचा रहा है। बीती रात ग्राम पंचायत बगरा में हाथियों ने अचानक ग्रामीणों के घरों पर हमला करते हुए घरों को तोड़-फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया और घरों के भीतर रखे हुए अनाज को खा गए। ग्रामीणों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। लगातार वनों की कटाई से हाथियों की समस्या क्षेत्र में बढ़ रही है। इसी तरह वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के ग्राम मेंढ़ारी में तीन हाथियों के दल ने ग्रामीण के घर को तोडक़र क्षतिग्रस्त कर दिया और घर के अंदर रखे हुए अनाज को खा गए। रात्रि में मेंढारी के ग्रामीण हरवंश मरावी के घर को तोड़-फोड़ कर पूरी तरह क्षतिग्रस्त भी कर दिया है। ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी, वहीं मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची और वहां के आसपास के ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा है। वन विभाग की टीम द्वारा महुआ देसी शराब दारु बनाने से भी ग्रामीणों को मना किया गया है।