जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर ड्रोन हमले के कारण बड़ी दुर्घटना का खतरा बढ़ा: आईएईए प्रमुख

कीव, 8 अप्रैल। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रोसी ने रविवार को कहा कि रूस-नियंत्रित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के छह परमाणु रिएक्टर में से एक पर किए गए ड्रोन हमले के कारण बड़ी परमाणु दुर्घटना होने का खतरा काफी बढ़ गया है। ग्रोसी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जारी एक बयान में इस बात की पुष्टि की कि जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की मुख्य रिएक्टर नियंत्रण संरचनाओं पर कम से कम तीन प्रत्यक्ष हमले हुए। उन्होंने कहा कि नवंबर 2022 के बाद यह पहला ऐसा हमला था, तब उन्होंने रेडियोलॉजी संबंधी गंभीर परमाणु दुर्घटना से बचने के लिए पांच बुनियादी सिद्धांत निर्धारित किए थे। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (एआईईए) ने एक अलग बयान जारी कर एक रिएक्टर समेत संयंत्र पर ड्रोन हमलों का असर होने की पुष्टि की। एआईईए ने कहा, इकाई छह में हुई क्षति के कारण परमाणु सुरक्षा को खतरा पैदा नहीं हुआ, लेकिन यह एक गंभीर घटना है जिससे रिएक्टर की रोकथाम प्रणाली के कमजोर होने की आशंका है। रूस के नियंत्रण वाले जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के अधिकारियों ने कहा है कि रविवार को यूक्रेन की सेना के ड्रोन से संयंत्र पर हमले किए गए जिनमें संयंत्र की छठी विद्युत इकाई के गुंबद पर किया गया हमला भी शामिल है। संयंत्र के अधिकारियों ने कहा था कि इस घटना में कोई बड़ी क्षति नहीं हुई और कोई हताहत भी नहीं हुआ तथा हमले के बाद संयंत्र में विकिरण का स्तर सामान्य बना रहा लेकिन बाद में रविवार को रूसी परमाणु एजेंसी रोसाटॉम ने कहा कि अप्रत्याशित ड्रोन हमलों में तीन लोग घायल हो गए। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को कहा था कि उसके विशेषज्ञों को ड्रोन हमले की सूचना दी गई है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल मरियानो ग्रोसी ने इस तरह के हमलों की वजह से सुरक्षा को होने वाले खतरों को लेकर चेताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, मैं इस तरह की कार्रवाइयों से बचने का अनुरोध करता हूं जो आईएईए के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और परमाणु सुरक्षा को प्रभावित करती हैं।(एपी)

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कीव, 8 अप्रैल। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रोसी ने रविवार को कहा कि रूस-नियंत्रित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के छह परमाणु रिएक्टर में से एक पर किए गए ड्रोन हमले के कारण बड़ी परमाणु दुर्घटना होने का खतरा काफी बढ़ गया है। ग्रोसी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जारी एक बयान में इस बात की पुष्टि की कि जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की मुख्य रिएक्टर नियंत्रण संरचनाओं पर कम से कम तीन प्रत्यक्ष हमले हुए। उन्होंने कहा कि नवंबर 2022 के बाद यह पहला ऐसा हमला था, तब उन्होंने रेडियोलॉजी संबंधी गंभीर परमाणु दुर्घटना से बचने के लिए पांच बुनियादी सिद्धांत निर्धारित किए थे। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (एआईईए) ने एक अलग बयान जारी कर एक रिएक्टर समेत संयंत्र पर ड्रोन हमलों का असर होने की पुष्टि की। एआईईए ने कहा, इकाई छह में हुई क्षति के कारण परमाणु सुरक्षा को खतरा पैदा नहीं हुआ, लेकिन यह एक गंभीर घटना है जिससे रिएक्टर की रोकथाम प्रणाली के कमजोर होने की आशंका है। रूस के नियंत्रण वाले जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के अधिकारियों ने कहा है कि रविवार को यूक्रेन की सेना के ड्रोन से संयंत्र पर हमले किए गए जिनमें संयंत्र की छठी विद्युत इकाई के गुंबद पर किया गया हमला भी शामिल है। संयंत्र के अधिकारियों ने कहा था कि इस घटना में कोई बड़ी क्षति नहीं हुई और कोई हताहत भी नहीं हुआ तथा हमले के बाद संयंत्र में विकिरण का स्तर सामान्य बना रहा लेकिन बाद में रविवार को रूसी परमाणु एजेंसी रोसाटॉम ने कहा कि अप्रत्याशित ड्रोन हमलों में तीन लोग घायल हो गए। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को कहा था कि उसके विशेषज्ञों को ड्रोन हमले की सूचना दी गई है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल मरियानो ग्रोसी ने इस तरह के हमलों की वजह से सुरक्षा को होने वाले खतरों को लेकर चेताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, मैं इस तरह की कार्रवाइयों से बचने का अनुरोध करता हूं जो आईएईए के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और परमाणु सुरक्षा को प्रभावित करती हैं।(एपी)