तालाब का गेट जर्जर, पानी बह जाता है

डबल फसल नहीं ले पा रहे किसान छत्तीसगढ़ संवाददाता पखांजूर, 15 मई। दस साल से तालाब का गेट जर्जर होने से पानी बह जाता है, जिससे गांव के किसान डबल फसल नहीं ले पा रहे हैं। ग्रामीणों ने मरम्मत की मांग की है। कोयलीबेड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत कल्याणपुर के आश्रित ग्राम ब्रह्मापुर पी व्ही 113 में दस साल से तालाब का गेट जर्जर हो चुकी है, जिसके चलते तालाब में पानी नहीं रहती। गांव के किसान एक ही फसल पर निर्भर रहते हैं। ज्ञात हो कि परलकोट क्षेत्र उन्नत किसानों का क्षेत्र है। इस क्षेत्र के किसान हमेशा से ही दो फसल उगाते हैं। बरसात में धान का और गर्मी में मक्का का। लेकिन ब्रह्मापुर गांव के किसान दस साल से एक ही फसल ले पा रहे हैं, वह भी बरसात के भरोसे। पूरे गांव के लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन उनके तालाब की अगर मरम्मत करती है तो हमारे पूरे गांव यानी 300 हेक्टेयर से ज्यादा खेत में रवि फसल में उनको पानी का साधन मिलेगा। ब्रह्मापुर के किसान दुगना फसल अपने खेतों से उगा पाएंगे।

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डबल फसल नहीं ले पा रहे किसान छत्तीसगढ़ संवाददाता पखांजूर, 15 मई। दस साल से तालाब का गेट जर्जर होने से पानी बह जाता है, जिससे गांव के किसान डबल फसल नहीं ले पा रहे हैं। ग्रामीणों ने मरम्मत की मांग की है। कोयलीबेड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत कल्याणपुर के आश्रित ग्राम ब्रह्मापुर पी व्ही 113 में दस साल से तालाब का गेट जर्जर हो चुकी है, जिसके चलते तालाब में पानी नहीं रहती। गांव के किसान एक ही फसल पर निर्भर रहते हैं। ज्ञात हो कि परलकोट क्षेत्र उन्नत किसानों का क्षेत्र है। इस क्षेत्र के किसान हमेशा से ही दो फसल उगाते हैं। बरसात में धान का और गर्मी में मक्का का। लेकिन ब्रह्मापुर गांव के किसान दस साल से एक ही फसल ले पा रहे हैं, वह भी बरसात के भरोसे। पूरे गांव के लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन उनके तालाब की अगर मरम्मत करती है तो हमारे पूरे गांव यानी 300 हेक्टेयर से ज्यादा खेत में रवि फसल में उनको पानी का साधन मिलेगा। ब्रह्मापुर के किसान दुगना फसल अपने खेतों से उगा पाएंगे।