फ़्रांस में कल चुनाव, मैक्रों की पार्टी ने कहा- दक्षिणपंथी देश को बर्बाद कर देंगे

फ्रांस में आम चुनाव प्रचार ख़त्म हो गया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी की ओर से धुर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली का समर्थन न करने की अपील की गई है. लेकिन ऐसा लगता है कि वोटर संसदीय चुनाव में नेशनल रैली को ऐतिहासिक जनादेश दे सकते हैं. फ्रांस में 30 जून को पहले दौर का चुनाव होगा. दूसरे दौर का चुनाव 7 जुलाई को होगा. फ्रांस के प्रधानमंत्री गैब्रियल अटाल ने चेतावनी दी है कि वोटरों ने अगर नेशनल रैली को वोट दिया तो नफ़रत और आक्रामकता की लहर आ सकती है. लेकिन मेरीन ली पेन और 28 वर्षीय जॉर्डन बार्देला की पार्टी को ओपिनियन पोल में आगे दिखाया गया है. हालांकि दक्षिणपंथी नेशनल रैली ने अपने ऊपर लग रहे नस्लवाद के आरोपों को ख़ारिज किया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या इसे इतने वोट मिल पाएंगे कि ये अपने दम पर सरकार बना सके. जून की शुरुआत में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अचानक संसद को भंग करके मध्यावधि चुनाव कराने का एलान कर दिया था. राष्ट्रपति मैक्रों ने संसदीय चुनावों का एलान उस वक़्त किया था, जब यूरोपीय संसद के चुनावों में कट्टर दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी को को बड़ी कामयाबी मिली थी. चुनावों की घोषणा करते हुए मैक्रों ने अपने देश के नागरिकों से अपील की थी कि वो कट्टरपंथियों को तवज्जो न दें. फ्रांस में कैसे होता है चुनाव इन चुनावों में फ्रांस की संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली के 577 सदस्यों का चुनाव होगा. ये सदन ही देश के क़ानून बनाता है. संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट के सदस्यों का चुनाव नेशनल असेंबली और स्थानीय अधिकारी मिलकर करते हैं. 30 जून को फ्रांस की मुख्य भूमि और फ्रांस से दूर आबाद इलाक़ों और विभागों के सभी 577 संसदीय इलाक़ों में वोट डाले जाएंगे. इन चुनावों में विदेश में रह रहे फ्रांसीसी नागरिक भी वोट डाल सकते हैं. हर ज़िले से एक संसद सदस्य चुना जाता है. 7 जुलाई को सभी सीटों पर दोबारा वोट डाले जाएंगे, जिसमें मतदाताओं को पहले दौर में सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों में से एक का चुनाव करना होगा. पहले दौर में जिन उम्मीदवारों को 12.5 प्रतिशत से अधिक वोट मिलेंगे, वो अगले दौर के चुनाव में दाख़िल हो सकता है. ऐसे में आम तौर पर दूसरे दौर के मतदान में हर सीट पर दो या तीन उम्मीदवारों के बीच मुक़ाबला होता है. संसद में बहुमत के लिए किसी दल या गठबंधन के लिए 289 सीटों पर जीत हासिल करनी होती है.(bbc.com/hindi)

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फ्रांस में आम चुनाव प्रचार ख़त्म हो गया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी की ओर से धुर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली का समर्थन न करने की अपील की गई है. लेकिन ऐसा लगता है कि वोटर संसदीय चुनाव में नेशनल रैली को ऐतिहासिक जनादेश दे सकते हैं. फ्रांस में 30 जून को पहले दौर का चुनाव होगा. दूसरे दौर का चुनाव 7 जुलाई को होगा. फ्रांस के प्रधानमंत्री गैब्रियल अटाल ने चेतावनी दी है कि वोटरों ने अगर नेशनल रैली को वोट दिया तो नफ़रत और आक्रामकता की लहर आ सकती है. लेकिन मेरीन ली पेन और 28 वर्षीय जॉर्डन बार्देला की पार्टी को ओपिनियन पोल में आगे दिखाया गया है. हालांकि दक्षिणपंथी नेशनल रैली ने अपने ऊपर लग रहे नस्लवाद के आरोपों को ख़ारिज किया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या इसे इतने वोट मिल पाएंगे कि ये अपने दम पर सरकार बना सके. जून की शुरुआत में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अचानक संसद को भंग करके मध्यावधि चुनाव कराने का एलान कर दिया था. राष्ट्रपति मैक्रों ने संसदीय चुनावों का एलान उस वक़्त किया था, जब यूरोपीय संसद के चुनावों में कट्टर दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी को को बड़ी कामयाबी मिली थी. चुनावों की घोषणा करते हुए मैक्रों ने अपने देश के नागरिकों से अपील की थी कि वो कट्टरपंथियों को तवज्जो न दें. फ्रांस में कैसे होता है चुनाव इन चुनावों में फ्रांस की संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली के 577 सदस्यों का चुनाव होगा. ये सदन ही देश के क़ानून बनाता है. संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट के सदस्यों का चुनाव नेशनल असेंबली और स्थानीय अधिकारी मिलकर करते हैं. 30 जून को फ्रांस की मुख्य भूमि और फ्रांस से दूर आबाद इलाक़ों और विभागों के सभी 577 संसदीय इलाक़ों में वोट डाले जाएंगे. इन चुनावों में विदेश में रह रहे फ्रांसीसी नागरिक भी वोट डाल सकते हैं. हर ज़िले से एक संसद सदस्य चुना जाता है. 7 जुलाई को सभी सीटों पर दोबारा वोट डाले जाएंगे, जिसमें मतदाताओं को पहले दौर में सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों में से एक का चुनाव करना होगा. पहले दौर में जिन उम्मीदवारों को 12.5 प्रतिशत से अधिक वोट मिलेंगे, वो अगले दौर के चुनाव में दाख़िल हो सकता है. ऐसे में आम तौर पर दूसरे दौर के मतदान में हर सीट पर दो या तीन उम्मीदवारों के बीच मुक़ाबला होता है. संसद में बहुमत के लिए किसी दल या गठबंधन के लिए 289 सीटों पर जीत हासिल करनी होती है.(bbc.com/hindi)