बांग्लादेश में आरक्षण के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान मारे गए कई बच्चे: यूनिसेफ़

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ़ का कहना है कि बांग्लादेश में आरक्षण के ख़िलाफ़ हुए छात्रों के प्रदर्शन के दौरान कई बच्चों की मौतें हुई हैं. बच्चों के लिए काम करने वाली यूएन की संस्था यूनिसेफ़ का कहना है कि बांग्लादेश में छात्रों के प्रदर्शन के दौरान कम से कम 32 बच्चों की मौत हुई है. यूनिसेफ़ के प्रवक्ता का कहना है कि मारे गए बच्चों में से एक की उम्र अभी पांच साल भी नहीं हुई थी. मारे गए अधिकतर लोग सिर्फ़ प्रदर्शन को देख रहे थे. बीबीसी बांग्ला के सत्यापित किए गए आंकड़ों के मुताबिक़ ये बच्चे उन 200 लोगों में शामिल हैं जो बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान मारे गए हैं. यूनिसेफ़ के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक संजय विजेसेकरा का कहना है कि इस सप्ताह उनकी बांग्लादेश की यात्रा के दौरान उन्हें बच्चों के हिरासत में लिए जाने के बारे में अवगत कराया गया था. उन्होंने कहा है कि संगठन ने 32 बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था के एक प्रवक्ता ने बताया कि ज़्यादातर मरने वाले लोगों की उम्र 13 या उससे अधिक है. एक बच्चे की उम्र पांच साल से कम और एक बच्चे की उम्र छह से 12 साल के बीच है. बांग्लादेश के जूनियर सूचना मंत्री मोहम्मद अली अराफ़ात ने कहा है कि सरकार के पास यूनिसेफ़ के दावों के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि उन्हें नहीं मालूम कि यूनिसेफ़ को यह आंकड़े कहां से मिले हैं. उन्होंने कहा, हमारा रुख़ साफ है, जिस किसी की भी मौत हुई है हम उसकी जांच कराएंगे और अपराधियों को सज़ा देंगे. छात्र प्रदर्शन में घायल हुए, मारे गए और गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.

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संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ़ का कहना है कि बांग्लादेश में आरक्षण के ख़िलाफ़ हुए छात्रों के प्रदर्शन के दौरान कई बच्चों की मौतें हुई हैं. बच्चों के लिए काम करने वाली यूएन की संस्था यूनिसेफ़ का कहना है कि बांग्लादेश में छात्रों के प्रदर्शन के दौरान कम से कम 32 बच्चों की मौत हुई है. यूनिसेफ़ के प्रवक्ता का कहना है कि मारे गए बच्चों में से एक की उम्र अभी पांच साल भी नहीं हुई थी. मारे गए अधिकतर लोग सिर्फ़ प्रदर्शन को देख रहे थे. बीबीसी बांग्ला के सत्यापित किए गए आंकड़ों के मुताबिक़ ये बच्चे उन 200 लोगों में शामिल हैं जो बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान मारे गए हैं. यूनिसेफ़ के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक संजय विजेसेकरा का कहना है कि इस सप्ताह उनकी बांग्लादेश की यात्रा के दौरान उन्हें बच्चों के हिरासत में लिए जाने के बारे में अवगत कराया गया था. उन्होंने कहा है कि संगठन ने 32 बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था के एक प्रवक्ता ने बताया कि ज़्यादातर मरने वाले लोगों की उम्र 13 या उससे अधिक है. एक बच्चे की उम्र पांच साल से कम और एक बच्चे की उम्र छह से 12 साल के बीच है. बांग्लादेश के जूनियर सूचना मंत्री मोहम्मद अली अराफ़ात ने कहा है कि सरकार के पास यूनिसेफ़ के दावों के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि उन्हें नहीं मालूम कि यूनिसेफ़ को यह आंकड़े कहां से मिले हैं. उन्होंने कहा, हमारा रुख़ साफ है, जिस किसी की भी मौत हुई है हम उसकी जांच कराएंगे और अपराधियों को सज़ा देंगे. छात्र प्रदर्शन में घायल हुए, मारे गए और गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.