बैतूल में शिकारी फांसे में फंसा तेंदुआ:रेस्क्यू के लिए एसटीआर और मेलघाट टाइगर रिजर्व टीम मौके पर रवाना
बैतूल में शिकारी फांसे में फंसा तेंदुआ:रेस्क्यू के लिए एसटीआर और मेलघाट टाइगर रिजर्व टीम मौके पर रवाना
बैतूल जिले के दक्षिण वन मंडल के सावल मेंढ़ा रेंज के जंगल में रविवार को एक तेंदुआ पेड़ में फंस गया। सूचना के बाद वन वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। घटनास्थल बैतूल से 120 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र सीमा के पास है। ग्रामीणों ने तेंदुए के लोहे के शिकारी फांसे में फंसने की आशंका जताई है। वन परिक्षेत्र के रेंजर मानसिंह परते ने बताया कि आज सुबह जंगल जाने वाले ग्रामीणों ने किसी वन्य प्राणी कर दहाड़ सुनी। इसके बाद मौके पर जाकर देखा तो वहां एक तेंदुआ एक फंसा मिला। उन्होंने बताया कि फिलहाल यही जानकारी मिल रही है, कि तेंदुआ पेड़ के बीच फंस गया है। तेंदुए के रेस्क्यू के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर बुलवाई गई है। अमरावती स्थित मेलघाट टाइगर रिजर्व से भी संपर्क किया गया है। दक्षिण वन मंडल के डीएफओ विजयन्नतम तर्क बैंगलोर ट्रेनिंग में होने के कारण मौके पर प्रभारी डीएफओ रवाना हुए हैं। फांसा डाले जाने की आशंका स्थानीय लोगों ने बताया कि तेंदुआ संभवतः शिकार के लिए लगाए फांसे में फंस गया होगा। ग्रामीण इलाकों में अक्सर शिकारी वन्य प्राणियों का शिकार करने के लिए फांसे का इस्तेमाल करते हैं।इसके लिए शिकारी जंगल में लोहे के तार या फिर रस्सी का फंसा बनाकर डाल देते हैं, जिसमें वन्य प्राणी फंस जाते हैं। जिसका बाद में शिकार कर लिया जाता है। आशंका है कि, यह तेंदुआ भी इसी फांसे का शिकार हो गया होगा। बीच जंगल में फंसा मिला यह घटनास्थल सुपाका से 1 किलोमीटर दूर और खोमई से 3 किलोमीटर दूर अंदर जंगल के कंपार्टमेंट नंबर 327 का बताया जा रहा है। फिलहाल वन विभाग के कर्मचारियों ने घटनास्थल की तरफ लोगों की आवाजाही रोक दी है। हालांकि, सुबह से ही जिन लोगों को इस तेंदुए के फंसे होने की जानकारी मिली, वह लगातार उसका वीडियो बनाते रहे। वीडियो में तेंदुआ खुद को आजाद करने की कोशिश करते देखा जा सकता है।
बैतूल जिले के दक्षिण वन मंडल के सावल मेंढ़ा रेंज के जंगल में रविवार को एक तेंदुआ पेड़ में फंस गया। सूचना के बाद वन वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। घटनास्थल बैतूल से 120 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र सीमा के पास है। ग्रामीणों ने तेंदुए के लोहे के शिकारी फांसे में फंसने की आशंका जताई है। वन परिक्षेत्र के रेंजर मानसिंह परते ने बताया कि आज सुबह जंगल जाने वाले ग्रामीणों ने किसी वन्य प्राणी कर दहाड़ सुनी। इसके बाद मौके पर जाकर देखा तो वहां एक तेंदुआ एक फंसा मिला। उन्होंने बताया कि फिलहाल यही जानकारी मिल रही है, कि तेंदुआ पेड़ के बीच फंस गया है। तेंदुए के रेस्क्यू के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर बुलवाई गई है। अमरावती स्थित मेलघाट टाइगर रिजर्व से भी संपर्क किया गया है। दक्षिण वन मंडल के डीएफओ विजयन्नतम तर्क बैंगलोर ट्रेनिंग में होने के कारण मौके पर प्रभारी डीएफओ रवाना हुए हैं। फांसा डाले जाने की आशंका स्थानीय लोगों ने बताया कि तेंदुआ संभवतः शिकार के लिए लगाए फांसे में फंस गया होगा। ग्रामीण इलाकों में अक्सर शिकारी वन्य प्राणियों का शिकार करने के लिए फांसे का इस्तेमाल करते हैं।इसके लिए शिकारी जंगल में लोहे के तार या फिर रस्सी का फंसा बनाकर डाल देते हैं, जिसमें वन्य प्राणी फंस जाते हैं। जिसका बाद में शिकार कर लिया जाता है। आशंका है कि, यह तेंदुआ भी इसी फांसे का शिकार हो गया होगा। बीच जंगल में फंसा मिला यह घटनास्थल सुपाका से 1 किलोमीटर दूर और खोमई से 3 किलोमीटर दूर अंदर जंगल के कंपार्टमेंट नंबर 327 का बताया जा रहा है। फिलहाल वन विभाग के कर्मचारियों ने घटनास्थल की तरफ लोगों की आवाजाही रोक दी है। हालांकि, सुबह से ही जिन लोगों को इस तेंदुए के फंसे होने की जानकारी मिली, वह लगातार उसका वीडियो बनाते रहे। वीडियो में तेंदुआ खुद को आजाद करने की कोशिश करते देखा जा सकता है।