बिलासपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद चंदेल का पटना हाईकोर्ट तबादला

5 दिन पहले मद्रास हाईकोर्ट में हुआ था ट्रांसफर रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला मद्रास हाईकोर्ट की जगह अब पटना हाईकोर्ट करने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उन्हें मनचाहा ट्रांसफर देने के आग्रह को ठुकरा कर पटना हाईकोर्ट भेजने का प्रस्ताव दिया है। 15 मार्च को उन्हें बिलासपुर हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट ट्रांसफर का ऑर्डर दिया गया था। लेकिन, उन्होंने मध्यप्रदेश, राजस्थान, इलाहाबाद, पंजाब-हरियाणा और दिल्ली हाईकोर्ट में करने का आग्रह किया था। इसे कॉलेजियम ने ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित 5 वरिष्ठ जजों की कॉलेजियम ने जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला करने के लिए उनसे सहमति मांगी थी। इसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूर्ण, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने पहले मद्रास हाईकोर्ट तबादला करने का प्रस्ताव किया था। इस पर जस्टिस चंदेल ने उन्हें 5 हाईकोर्ट में से किसी एक हाईकोर्ट में भेजने का आग्रह किया था। उनके आग्रह के बाद कॉलेजियम ने विकल्पों पर ट्रांसफर करने के बजाय उनकी परेशानियों को देखते हुए थोड़ी राहत दी और मद्रास हाईकोर्ट की जगह पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। बेंच कोटे से बने हैं जज, 2017 में हुई थी नियुक्ति- जस्टिस चंदेल बिलासपुर में पैदा हुए थे। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से बीए करने के बाद गुरु घासीदास विवि से एलएलबी की डिग्री ली है। अविभाजित मध्य प्रदेश में इन्होंने सिविल जज क्लास के रूप में 1987 को न्यायिक सेवा की शुरुआत की, जिसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और वे कबीरधाम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बने। इसके बाद राज्य परिवहन ट्रिब्यूनल के साथ ही हाईकोर्ट में एडिशनल रजिस्ट्रार प्रशासनिक, रजिस्ट्रार विजिलेंस, रजिस्ट्रार जनरल जैसे पदों पर रहे। 27 जून 2017 को उन्हें हाईकोर्ट में अस्थायी जज बनाया गया। फिर दो साल बाद 2019 में हाईकोर्ट के स्थायी जज बने। 5 साल बाद उनका ट्रांसफर हो रहा है।

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5 दिन पहले मद्रास हाईकोर्ट में हुआ था ट्रांसफर रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला मद्रास हाईकोर्ट की जगह अब पटना हाईकोर्ट करने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उन्हें मनचाहा ट्रांसफर देने के आग्रह को ठुकरा कर पटना हाईकोर्ट भेजने का प्रस्ताव दिया है। 15 मार्च को उन्हें बिलासपुर हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट ट्रांसफर का ऑर्डर दिया गया था। लेकिन, उन्होंने मध्यप्रदेश, राजस्थान, इलाहाबाद, पंजाब-हरियाणा और दिल्ली हाईकोर्ट में करने का आग्रह किया था। इसे कॉलेजियम ने ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित 5 वरिष्ठ जजों की कॉलेजियम ने जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला करने के लिए उनसे सहमति मांगी थी। इसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूर्ण, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने पहले मद्रास हाईकोर्ट तबादला करने का प्रस्ताव किया था। इस पर जस्टिस चंदेल ने उन्हें 5 हाईकोर्ट में से किसी एक हाईकोर्ट में भेजने का आग्रह किया था। उनके आग्रह के बाद कॉलेजियम ने विकल्पों पर ट्रांसफर करने के बजाय उनकी परेशानियों को देखते हुए थोड़ी राहत दी और मद्रास हाईकोर्ट की जगह पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। बेंच कोटे से बने हैं जज, 2017 में हुई थी नियुक्ति- जस्टिस चंदेल बिलासपुर में पैदा हुए थे। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से बीए करने के बाद गुरु घासीदास विवि से एलएलबी की डिग्री ली है। अविभाजित मध्य प्रदेश में इन्होंने सिविल जज क्लास के रूप में 1987 को न्यायिक सेवा की शुरुआत की, जिसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और वे कबीरधाम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बने। इसके बाद राज्य परिवहन ट्रिब्यूनल के साथ ही हाईकोर्ट में एडिशनल रजिस्ट्रार प्रशासनिक, रजिस्ट्रार विजिलेंस, रजिस्ट्रार जनरल जैसे पदों पर रहे। 27 जून 2017 को उन्हें हाईकोर्ट में अस्थायी जज बनाया गया। फिर दो साल बाद 2019 में हाईकोर्ट के स्थायी जज बने। 5 साल बाद उनका ट्रांसफर हो रहा है।