अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को भारतीय मूल के काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का निदेशक नियुक्त कर दिया. पटेल को ट्रंप का भरोसेमंद माना जाता है.
(dw.com/hi)
अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को भारतीय मूल के काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के नए निदेशक के रूप में मंजूरी दे दी. पटेल को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने देश की शीर्ष कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए चुना है. उन्हें ट्रंप का कट्टर सहयोगी भी कहा जाता है.
44 साल के पटेल की नियुक्ति पर सीनेट में करीबी मतदान हुआ. उनके पक्ष में 51 मत जबकि विरोध में 49 मत पड़े. रिपब्लिकन पार्टी की सुसान कॉलिन्स और लिसा मर्कोव्स्की ने भी 47 डेमोक्रेट्स के साथ पटेल की नियुक्ति के खिलाफ वोट दिया. सीनेटर कॉलिन्स ने कहा कि पटेल ने एफबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेह होता है.
कौन हैं ट्रंप के भरोसेमंद काश पटेल
डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले साल चुनाव जीतने के बाद ही काश पटेल को एफबीआई की जिम्मेदारी सौंपने की घोषणा की थी. काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं. 25 फरवरी, 1980 को न्यू यॉर्क में गुजराती माता-पिता के घर जन्मे काश पटेल पूर्वी अफ्रीका में पले-बढ़े. उन्होंने लॉन्ग आइलैंड के गार्डन सिटी हाई स्कूल से ग्रैजुएशन किया और फिर पेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से जूरिस डॉक्टर (कानूनी डिग्री) हासिल की.
पटेल ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के तौर पर की. उन्होंने हत्याओं, विदेशी अपराधियों और वित्तीय अपराध से जुड़े मामलों में राज्य और संघीय अदालतों में सरकारी वकील के तौर पर काम किया.
पटेल ने पहले भी व्हाइट हाउस में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी सरकार में काम किया है. उन्होंने हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में वरिष्ठ सहयोगी के रूप में काम किया, जहां उन्होंने 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच को चुनौती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में और कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में पद संभाला.
काश पटेल की अमेरिकी दुश्मनों को चेतावनी
अपनी नियुक्ति के बाद उन्होंने अमेरिका के दुश्मनों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, हम इस ग्रह के हर कोने में तुम्हारा पीछा करेंगे. उन्होंने एक्स पर लिखा, एफबीआई की एक महान विरासत है, लेकिन हाल के वर्षों में न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने जनता का भरोसा कमजोर किया है. यह अब खत्म होगा. उन्होंने एफबीआई को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की बात कही और कहा कि उनका लक्ष्य जनता का विश्वास वापस पाना है.
पटेल, क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे, जिन्हें ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान एफबीआई प्रमुख नियुक्त किया था. रे और ट्रंप के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. उनके 10 साल के कार्यकाल में तीन साल बाकी थे, लेकिन पिछले साल नवंबर में ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद रे ने इस्तीफा दे दिया था.
पटेल और विवाद
पटेल के नामांकन को लेकर काफी विवाद हुआ. उनके आलोचकों का कहना है कि उन्होंने एफबीआई को लेकर कई राजनीतिक बयान दिए हैं, जो इस एजेंसी की निष्पक्षता के लिए खतरा हो सकते हैं. हालांकि, ट्रंप समर्थकों और कई रिपब्लिकन नेताओं ने उनका समर्थन किया. उनकी नियुक्ति ट्रंप के लिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए कई बड़े बदलाव कर रहे हैं.
पटेल ने कहा है कि एफबीआई के उनके नेतृत्व में राजनीति कोई भूमिका नहीं निभाएगी, लेकिन ट्रंप के साथ उनकी निकटता ने डेमोक्रेट्स और कई कानूनी विशेषज्ञों की चिंता को जन्म दिया है. अमेरिकी सीनेट न्यायपालिका समिति के शीर्ष डेमोक्रेट डिक डर्बिन ने पिछले सप्ताह पटेल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने व्हिसलब्लोअर से मिली जानकारी का हवाला देते हुए एफबीआई अधिकारियों को बाहर से हटाने की साजिश रची थी.
पटेल ने कहा है कि वह अवैध आव्रजन और हिंसक अपराध, जो ट्रंप की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं, उनका मुकाबला करने में एफबीआई की भूमिका बढ़ाएंगे.
एए/सीके (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को भारतीय मूल के काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का निदेशक नियुक्त कर दिया. पटेल को ट्रंप का भरोसेमंद माना जाता है.
(dw.com/hi)
अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को भारतीय मूल के काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के नए निदेशक के रूप में मंजूरी दे दी. पटेल को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने देश की शीर्ष कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए चुना है. उन्हें ट्रंप का कट्टर सहयोगी भी कहा जाता है.
44 साल के पटेल की नियुक्ति पर सीनेट में करीबी मतदान हुआ. उनके पक्ष में 51 मत जबकि विरोध में 49 मत पड़े. रिपब्लिकन पार्टी की सुसान कॉलिन्स और लिसा मर्कोव्स्की ने भी 47 डेमोक्रेट्स के साथ पटेल की नियुक्ति के खिलाफ वोट दिया. सीनेटर कॉलिन्स ने कहा कि पटेल ने एफबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेह होता है.
कौन हैं ट्रंप के भरोसेमंद काश पटेल
डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले साल चुनाव जीतने के बाद ही काश पटेल को एफबीआई की जिम्मेदारी सौंपने की घोषणा की थी. काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं. 25 फरवरी, 1980 को न्यू यॉर्क में गुजराती माता-पिता के घर जन्मे काश पटेल पूर्वी अफ्रीका में पले-बढ़े. उन्होंने लॉन्ग आइलैंड के गार्डन सिटी हाई स्कूल से ग्रैजुएशन किया और फिर पेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से जूरिस डॉक्टर (कानूनी डिग्री) हासिल की.
पटेल ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के तौर पर की. उन्होंने हत्याओं, विदेशी अपराधियों और वित्तीय अपराध से जुड़े मामलों में राज्य और संघीय अदालतों में सरकारी वकील के तौर पर काम किया.
पटेल ने पहले भी व्हाइट हाउस में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी सरकार में काम किया है. उन्होंने हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में वरिष्ठ सहयोगी के रूप में काम किया, जहां उन्होंने 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच को चुनौती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में और कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में पद संभाला.
काश पटेल की अमेरिकी दुश्मनों को चेतावनी
अपनी नियुक्ति के बाद उन्होंने अमेरिका के दुश्मनों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, हम इस ग्रह के हर कोने में तुम्हारा पीछा करेंगे. उन्होंने एक्स पर लिखा, एफबीआई की एक महान विरासत है, लेकिन हाल के वर्षों में न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने जनता का भरोसा कमजोर किया है. यह अब खत्म होगा. उन्होंने एफबीआई को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की बात कही और कहा कि उनका लक्ष्य जनता का विश्वास वापस पाना है.
पटेल, क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे, जिन्हें ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान एफबीआई प्रमुख नियुक्त किया था. रे और ट्रंप के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. उनके 10 साल के कार्यकाल में तीन साल बाकी थे, लेकिन पिछले साल नवंबर में ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद रे ने इस्तीफा दे दिया था.
पटेल और विवाद
पटेल के नामांकन को लेकर काफी विवाद हुआ. उनके आलोचकों का कहना है कि उन्होंने एफबीआई को लेकर कई राजनीतिक बयान दिए हैं, जो इस एजेंसी की निष्पक्षता के लिए खतरा हो सकते हैं. हालांकि, ट्रंप समर्थकों और कई रिपब्लिकन नेताओं ने उनका समर्थन किया. उनकी नियुक्ति ट्रंप के लिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए कई बड़े बदलाव कर रहे हैं.
पटेल ने कहा है कि एफबीआई के उनके नेतृत्व में राजनीति कोई भूमिका नहीं निभाएगी, लेकिन ट्रंप के साथ उनकी निकटता ने डेमोक्रेट्स और कई कानूनी विशेषज्ञों की चिंता को जन्म दिया है. अमेरिकी सीनेट न्यायपालिका समिति के शीर्ष डेमोक्रेट डिक डर्बिन ने पिछले सप्ताह पटेल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने व्हिसलब्लोअर से मिली जानकारी का हवाला देते हुए एफबीआई अधिकारियों को बाहर से हटाने की साजिश रची थी.
पटेल ने कहा है कि वह अवैध आव्रजन और हिंसक अपराध, जो ट्रंप की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं, उनका मुकाबला करने में एफबीआई की भूमिका बढ़ाएंगे.
एए/सीके (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)