3 माह से टाइफाइड की जांच बंद

सीबीसी मशीन खराब वेंटिलेटर पर चली गई अस्पताल व्यवस्था छत्तीसगढ़ संवाददाता भोपालपटनम, 31 जुलाई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोपालपटनम कि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। लैब में जाँच बंद कर दिए गए हैं 3 माह से टाइफाइट कि जाँच पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं, और सीबीसी मशीन खराब हो चुकी हैं ऐसे में मरीजों का रक्त परीक्षण कर इलाज करना कैसे संभव हैं। भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थय केंद्र मे 150 से अधिक मरीज रोजाना आ रहे हैं बुखार पीडि़तों को जाँच के लिए भटकना पड़ रहा हैं। मरीजों को बुखार आने पर डॉक्टर सिर्फ मलेरिया कि जाँच कर इनका इलाज कर रहे हैं। मौसम के बदलने के बाद अस्पतालों में मरीजों कि संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। रोजाना सैंकड़ों मरीज आ रहे हैं शासन अस्पतालों कि व्यवस्था दुरुस्त करने के बदले गहरी नींद सो रहा हैं। कुछ दिनों से ब्लॉक में मलेरिया का प्रकोप देखा गया हैं जिसमें आश्रम शालाओं और पोटाकेबिनो के बच्चे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जिले में 2000 से अधिक मलेरिया के मरीजों का आकड़ा पहुंच चूका था जिसको लेकर स्वास्थय मंत्री नें भी दौरा कर अस्पतालों मे बेहतर सुविधा मुहैया करने के निर्देश दिए हैं लेकिन इन सब मामलों में अधिकारी बेपरवाह नजर आ रहे हैं। अस्पताल के अंदर उगे पेड़ अस्पताल के अंदर में गन्दगी का आलम बना हुआ हैं, जहां पड़े वहां गन्दगी नजर आ रही हैं। अस्पताल के अंदर बड़े-बड़े पेड़ उग गए हैं। अस्पताल के अंदर घुसते ही ऐसा लगता हैं कहा खंडर में आ चुके हैं गन्दगी इस तरह हैं कि पूरा परिसर बदबू फैला हुआ हैं। अस्पताल प्रबंधक इस सब मामलों में ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंत्री के स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के दिए थे निर्देश जिले में स्वास्थ्य के हालत बिगडऩे के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बीजापुर जिले का दौरा किया जहां उन्होंने स्वास्थ्य विभाग कि बैठक भी ली उनके साफ निर्देश थे कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करें, लेकिन भोपालपटनम के समुदाक स्वास्थय केंद्र में आलम कुछ और ही हैं। बीएमओ डॉ. चलपति राव ने बताया कि मलेरिया टेस्ट हो रहा है, लेकिन टाइफाइड टेस्ट नहीं हो रहा है। एक्सरे फिल्म से प्रिंट करके सिर्फ एमएलसी केस के लिए दे रहे हैं। कुछ जाँच मशीने खराब पड़ी हैं। हमने उच्च अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया है।

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सीबीसी मशीन खराब वेंटिलेटर पर चली गई अस्पताल व्यवस्था छत्तीसगढ़ संवाददाता भोपालपटनम, 31 जुलाई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोपालपटनम कि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। लैब में जाँच बंद कर दिए गए हैं 3 माह से टाइफाइट कि जाँच पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं, और सीबीसी मशीन खराब हो चुकी हैं ऐसे में मरीजों का रक्त परीक्षण कर इलाज करना कैसे संभव हैं। भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थय केंद्र मे 150 से अधिक मरीज रोजाना आ रहे हैं बुखार पीडि़तों को जाँच के लिए भटकना पड़ रहा हैं। मरीजों को बुखार आने पर डॉक्टर सिर्फ मलेरिया कि जाँच कर इनका इलाज कर रहे हैं। मौसम के बदलने के बाद अस्पतालों में मरीजों कि संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। रोजाना सैंकड़ों मरीज आ रहे हैं शासन अस्पतालों कि व्यवस्था दुरुस्त करने के बदले गहरी नींद सो रहा हैं। कुछ दिनों से ब्लॉक में मलेरिया का प्रकोप देखा गया हैं जिसमें आश्रम शालाओं और पोटाकेबिनो के बच्चे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जिले में 2000 से अधिक मलेरिया के मरीजों का आकड़ा पहुंच चूका था जिसको लेकर स्वास्थय मंत्री नें भी दौरा कर अस्पतालों मे बेहतर सुविधा मुहैया करने के निर्देश दिए हैं लेकिन इन सब मामलों में अधिकारी बेपरवाह नजर आ रहे हैं। अस्पताल के अंदर उगे पेड़ अस्पताल के अंदर में गन्दगी का आलम बना हुआ हैं, जहां पड़े वहां गन्दगी नजर आ रही हैं। अस्पताल के अंदर बड़े-बड़े पेड़ उग गए हैं। अस्पताल के अंदर घुसते ही ऐसा लगता हैं कहा खंडर में आ चुके हैं गन्दगी इस तरह हैं कि पूरा परिसर बदबू फैला हुआ हैं। अस्पताल प्रबंधक इस सब मामलों में ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंत्री के स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के दिए थे निर्देश जिले में स्वास्थ्य के हालत बिगडऩे के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बीजापुर जिले का दौरा किया जहां उन्होंने स्वास्थ्य विभाग कि बैठक भी ली उनके साफ निर्देश थे कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करें, लेकिन भोपालपटनम के समुदाक स्वास्थय केंद्र में आलम कुछ और ही हैं। बीएमओ डॉ. चलपति राव ने बताया कि मलेरिया टेस्ट हो रहा है, लेकिन टाइफाइड टेस्ट नहीं हो रहा है। एक्सरे फिल्म से प्रिंट करके सिर्फ एमएलसी केस के लिए दे रहे हैं। कुछ जाँच मशीने खराब पड़ी हैं। हमने उच्च अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया है।