CG: फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र से तैयार हुई उसना राइस मिल, सदन में विधायक संगीता सिन्हा ने उठाया मुद्दा

बालोद. बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम पलारी में अवैध रूप से उसना राइस...

CG: फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र से तैयार हुई उसना राइस मिल, सदन में विधायक संगीता सिन्हा ने उठाया मुद्दा
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बालोद.

बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम पलारी में अवैध रूप से उसना राइस मिल बनकर तैयार हो चुका है। स्थानीय आरआई और पटवारी द्वारा फर्जी अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया है। विधानसभा में विधायक संगीता सिन्हा ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। विधायक संगीता सिन्हा ने पूरे मामले में ध्यानाकर्षण लाया है।
विधायक ने बताया कि यह उसना राइस मिल में बसाहट से मात्र 19 मीटर की दूसरी पर है और माध्यमिक विद्यालय से केवल 78 मीटर की दूरी पर बना हुआ है और ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया गया है।

मामले में जिसके नाम पर रजिस्ट्री नहीं है, उसे फर्जी ढंग से एनओसी प्रदान कर दिया गया है। पूरे मामले में जिस खसरा नंबर 181/5 में इसे बनाया गया है। उसका एनओसी दिया ही नहीं गया, बल्कि किसी अन्य खसरा नंबर का दिया गया है और जिस तारीख को एनओसी दिया गया उस तारीख को रजिस्ट्री ही नहीं हुई थी। विधायक संगीता सिन्हा ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री को बताया कि सारे नियमों को ताक में रखकर पटवारी और राजस्व निरीक्षक द्वारा फर्जी प्रतिवेदन दिया गया है और पंचायत के नाम से भी फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है। यहां तक कि मामले में राजस्व निरीक्षक के ऊपर कार्रवाई की मांग भी की गई है। हर एक अधिकारी ने अपना काम नहीं किया है। इस पूरे मामले में बच्चों ने रैली भी निकाली, लेकिन जिम्मेदार मौन रहे अब राइस मिल बनकर तैयार भी हो चुका है।

कलेक्टर एसडीएम से हुई है शिकायत
आपको बता दें कि पूरे मामले में ग्रामीणों ने उसना राइस मिल के दुष्प्रभाव और प्रदूषण को देखते हुए कलेक्टर और एसडीएम को शिकायत किया गया है, लेकिन पूरे मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एनओसी देकर घूमने निकले पंच सरपंच
विधायक ने सदन को बताया कि विधानसभा का यह सबसे बड़ा गांव है। यहां पर जब अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया तो बताया गया कि बसाहट से दूरी 900 मीटर है। लेकिन जब जांच की गई, तब पता चला कि मात्र 19 मीटर दूरी ही और यहां पर सड़क से दूरी डेढ़ किलोमीटर बताई गई है। लेकिन यहां पर दूरी मात्र 50 मीटर है, जब ग्रामीणों ने पूरे मामले का विरोध किया तो गांव के पंच और सरपंच गांव छोड़कर बाहर घूमने निकल गए।