छत्तीसगढ़ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 अक्टूबर। शनिवार की शाम बुराई व अहंकार के प्रतीक रावण का प्रभु श्रीराम ने वध किया। दशानन के जलने के पूर्व आधे घंटे तक आसमानी आतिशबाजी के दौरान रंग बिरंगी नजारे दिखाते रहे।
नजारा देखकर ऐसा लगा मानव सत्य व धर्म की विजय पर देवता फूल बरसा रहे हो। पूरे जिले भर में विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया । बुराई पर अच्छाई का प्रतीक स्वरूप रावण के पुतले का दहन हुआ। इसी के साथ धू-धू कर अहंकार खाक होता नजर आया। इस बार 51 फीट के रावण पुतले का दहन किया।
दशहरा आयोजन समिति व पुलिस प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था के चलते आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। शनिवार की शाम को जब प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया, तब पूरे जिले में उत्सव का माहौल बन गया।
रावण के विशाल पुतले के जलने से पहले आसमान में रंग बिरंगी आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला। जिसने सभी को मंत्र मुग्धकर दिया। रंग-बिरंगे सितारे की बारिश से ऐसा प्रतीत हुआ, जैसे देवता इस महान विजय पर फूल बरसा रहे हो। लोग इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अपने परिवार और मित्रों के साथ एकत्र हुए। बच्चों के चेहरे पर खुशी और उत्साह की चमक थी।
51 फीट के रावण पुतले का दहन
51 फीट का रावण का पुतला बनाया गया था, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे। यह पुतला स्थानीय कारीगरों ने बनाया था। जैसे ही पुतला जलाया, भीषण आग की लपेट ने उसे अपने आगोश में ले लिया। इसके साथ ही आसमान में उड़ते हुए धुएं और लपटों में यह दर्शाया कि अहंकार और बुराई का अंत हो चुका है।
चप्पे-चप्पे पर थी पुलिस
दशहरा आयोजन समिति ने विशेष तैयारी की थी। पुलिस प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था हुई थी। चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात किए गए थे, ताकि सभी लोग बिना किसी चिंता के इस महापर्व का आनंद उठा सकें। आयोजन स्थल पर बैठने की व्यवस्था चिकित्सा सहायता और भीड़ नियंत्रण के लिए उपाय किए गए थे।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 अक्टूबर। शनिवार की शाम बुराई व अहंकार के प्रतीक रावण का प्रभु श्रीराम ने वध किया। दशानन के जलने के पूर्व आधे घंटे तक आसमानी आतिशबाजी के दौरान रंग बिरंगी नजारे दिखाते रहे।
नजारा देखकर ऐसा लगा मानव सत्य व धर्म की विजय पर देवता फूल बरसा रहे हो। पूरे जिले भर में विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया । बुराई पर अच्छाई का प्रतीक स्वरूप रावण के पुतले का दहन हुआ। इसी के साथ धू-धू कर अहंकार खाक होता नजर आया। इस बार 51 फीट के रावण पुतले का दहन किया।
दशहरा आयोजन समिति व पुलिस प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था के चलते आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। शनिवार की शाम को जब प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया, तब पूरे जिले में उत्सव का माहौल बन गया।
रावण के विशाल पुतले के जलने से पहले आसमान में रंग बिरंगी आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला। जिसने सभी को मंत्र मुग्धकर दिया। रंग-बिरंगे सितारे की बारिश से ऐसा प्रतीत हुआ, जैसे देवता इस महान विजय पर फूल बरसा रहे हो। लोग इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अपने परिवार और मित्रों के साथ एकत्र हुए। बच्चों के चेहरे पर खुशी और उत्साह की चमक थी।
51 फीट के रावण पुतले का दहन
51 फीट का रावण का पुतला बनाया गया था, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे। यह पुतला स्थानीय कारीगरों ने बनाया था। जैसे ही पुतला जलाया, भीषण आग की लपेट ने उसे अपने आगोश में ले लिया। इसके साथ ही आसमान में उड़ते हुए धुएं और लपटों में यह दर्शाया कि अहंकार और बुराई का अंत हो चुका है।
चप्पे-चप्पे पर थी पुलिस
दशहरा आयोजन समिति ने विशेष तैयारी की थी। पुलिस प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था हुई थी। चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात किए गए थे, ताकि सभी लोग बिना किसी चिंता के इस महापर्व का आनंद उठा सकें। आयोजन स्थल पर बैठने की व्यवस्था चिकित्सा सहायता और भीड़ नियंत्रण के लिए उपाय किए गए थे।