कर्नाटक से वापस लाए 13 मजदूरों से कलेक्टर ने की मुलाकात

मजदूरों ने वापस लाने के लिए प्रशासन का जताया आभार छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 16 मई। कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि राज्य शासन द्वारा जनकल्याण की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा और पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर दिया जा रहा है इसका लाभ लें। यदि रोजगार की तलाश में पलायन करके अन्य राज्य जाने की स्थिति में भी ग्राम पंचायत में स्थित पलायन पंजी में जानकारी दिया जाना चाहिए। उक्त बातें कलेक्टर ने बुधवार को कर्नाटक राज्य से प्रशासन की मदद से वापस लाए गए कोलेंग क्षेत्र के 13 मजदूरों से मुलाकात के दौरान कही। वापस लाए गए मजदूरों ने बताया कि अधिक मजदूरी की लालसा में सुकमा होते कर्नाटक के चित्रदुर्गा पहुंचे थे, जहां पर 5 लोग टेंट के कार्य और 8 लोग सुपारी के बगीचे में काम किया करते थे। लेकिन उन्हें तीन-चार महिने का मेहनताना नहीं दिया गया था और अपने घर वापस आने के लिए रोका जा रहा था। मजदूरों का जिला प्रशासन बस्तर से संपर्क होने पर प्रशासन ने कर्नाटक राज्य के संबंधित जिला के प्रशासन और पुलिस विभाग से समन्वय कर श्रम विभाग के माध्यम से वापस लाया गया। इसके अलावा मजदूरों को कर्नाटक राज्य की शासकीय दर 14 हजार 100 रूपए (मासिक दर) नियोजक से मजदूरों को भुगतान करवाया गया। 13 श्रमिकों को 5 लाख 93 हजार 500 रूपए ठेकेदार से भुगतान की कार्यवाही करवाई की गई। मजदूरों ने कलेक्टर से मिलकर मजदूरी भुगतान और घर वापस लाने के लिए आभार व्यक्त किए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर सीपी बघेल, संयुक्त कलेक्टर सुनील शर्मा, डिप्टी कलेक्टर हीरा गवर्ना, श्रम विभाग के अधिकारी उपस्थित थे

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मजदूरों ने वापस लाने के लिए प्रशासन का जताया आभार छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 16 मई। कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि राज्य शासन द्वारा जनकल्याण की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा और पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर दिया जा रहा है इसका लाभ लें। यदि रोजगार की तलाश में पलायन करके अन्य राज्य जाने की स्थिति में भी ग्राम पंचायत में स्थित पलायन पंजी में जानकारी दिया जाना चाहिए। उक्त बातें कलेक्टर ने बुधवार को कर्नाटक राज्य से प्रशासन की मदद से वापस लाए गए कोलेंग क्षेत्र के 13 मजदूरों से मुलाकात के दौरान कही। वापस लाए गए मजदूरों ने बताया कि अधिक मजदूरी की लालसा में सुकमा होते कर्नाटक के चित्रदुर्गा पहुंचे थे, जहां पर 5 लोग टेंट के कार्य और 8 लोग सुपारी के बगीचे में काम किया करते थे। लेकिन उन्हें तीन-चार महिने का मेहनताना नहीं दिया गया था और अपने घर वापस आने के लिए रोका जा रहा था। मजदूरों का जिला प्रशासन बस्तर से संपर्क होने पर प्रशासन ने कर्नाटक राज्य के संबंधित जिला के प्रशासन और पुलिस विभाग से समन्वय कर श्रम विभाग के माध्यम से वापस लाया गया। इसके अलावा मजदूरों को कर्नाटक राज्य की शासकीय दर 14 हजार 100 रूपए (मासिक दर) नियोजक से मजदूरों को भुगतान करवाया गया। 13 श्रमिकों को 5 लाख 93 हजार 500 रूपए ठेकेदार से भुगतान की कार्यवाही करवाई की गई। मजदूरों ने कलेक्टर से मिलकर मजदूरी भुगतान और घर वापस लाने के लिए आभार व्यक्त किए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर सीपी बघेल, संयुक्त कलेक्टर सुनील शर्मा, डिप्टी कलेक्टर हीरा गवर्ना, श्रम विभाग के अधिकारी उपस्थित थे