जी7 सम्मेलन में अमेरिका, यूक्रेन ने सुरक्षा समझौते पर किए हस्ताक्षर

बारी (इटली), 14 जून । अमेरिका और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दक्षिण इटली में जी7 सम्मेलन के दौरान एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए जो लंबे समय तक दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को रेखांकित करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित 15 देश यूक्रेन के साथ इसी तरह का दीर्घकालिक सुरक्षा समझौता कर चुके हैं। बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार को कहा था कि समझौते में वाशिंगटन द्वारा यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने की बाध्यता नहीं होगी, न ही इसमें विशेष हथियार प्रणाली की आपूर्ति की प्रतिबद्धता होगी। यह समझौता विशेष रूप से सैन्य उपकरणों, प्रशिक्षण और युद्धाभ्यास के संबंध में सभी संभावित स्तर पर दोनों देशों के बीच सहयोग को व्यापक रूप से रेखांकित करता है। साथ ही, यूक्रेन से अपने देश में न्याय, कानून प्रवर्तन और भ्रष्टाचार से लड़ने में सुधारों को लागू करने के लिए कहा गया है। इससे यूक्रेन को भविष्य में नाटो स्तर की सैन्य क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी। इस समझौते में यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिकी सशस्त्र बलों को तैनात करने की कोई प्रतिबद्धता नहीं है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के यूक्रेन में सैन्य प्रशिक्षकों को भेजने की अपील को बाइडेन ने खारिज कर दिया। वाशिंगटन का कहना है कि हमारा मकसद यूक्रेन को खुद अपनी रक्षा करने में सक्षम बनाना है। समझौते में विशेष हथियार प्रणालियों की आपूर्ति का कोई वादा नहीं है। अमेरिकी सरकार ने कीव के साथ इस समझौते से मास्को को एक संदेश देने की कोशिश की कि वह यूक्रेन के लिए निरंतर और दीर्घकालिक समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है। -(आईएएनएस/डीपीए)

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बारी (इटली), 14 जून । अमेरिका और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दक्षिण इटली में जी7 सम्मेलन के दौरान एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए जो लंबे समय तक दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को रेखांकित करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित 15 देश यूक्रेन के साथ इसी तरह का दीर्घकालिक सुरक्षा समझौता कर चुके हैं। बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार को कहा था कि समझौते में वाशिंगटन द्वारा यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने की बाध्यता नहीं होगी, न ही इसमें विशेष हथियार प्रणाली की आपूर्ति की प्रतिबद्धता होगी। यह समझौता विशेष रूप से सैन्य उपकरणों, प्रशिक्षण और युद्धाभ्यास के संबंध में सभी संभावित स्तर पर दोनों देशों के बीच सहयोग को व्यापक रूप से रेखांकित करता है। साथ ही, यूक्रेन से अपने देश में न्याय, कानून प्रवर्तन और भ्रष्टाचार से लड़ने में सुधारों को लागू करने के लिए कहा गया है। इससे यूक्रेन को भविष्य में नाटो स्तर की सैन्य क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी। इस समझौते में यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिकी सशस्त्र बलों को तैनात करने की कोई प्रतिबद्धता नहीं है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के यूक्रेन में सैन्य प्रशिक्षकों को भेजने की अपील को बाइडेन ने खारिज कर दिया। वाशिंगटन का कहना है कि हमारा मकसद यूक्रेन को खुद अपनी रक्षा करने में सक्षम बनाना है। समझौते में विशेष हथियार प्रणालियों की आपूर्ति का कोई वादा नहीं है। अमेरिकी सरकार ने कीव के साथ इस समझौते से मास्को को एक संदेश देने की कोशिश की कि वह यूक्रेन के लिए निरंतर और दीर्घकालिक समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है। -(आईएएनएस/डीपीए)