तालिबान ने महिलाओं समेत 63 लोगों को मारे कोड़े, संयुक्त राष्ट्र ने की कड़ी निंदा

इस्लामाबाद, 6 जून। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने बुधवार को सारी पुल प्रांत में तालिबान द्वारा एक दर्जन से अधिक महिलाओं सहित 60 से अधिक लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाने की निंदा की। यूएनएएमए ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान के अधिकारियों ने मंगलवार को कम से कम 63 लोगों को कोड़े मारे। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों का सम्मान करने के लिए कहा। तालिबान के उच्चतम न्यायालय ने एक बयान में 14 महिलाओं समेत 63 लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाने की पुष्टि की। इन लोगों पर अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न, चोरी और अनैतिक संबंधों जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। उन्हें एक खेल स्टेडियम में कोड़े मारे गए। तालिबान ने एक उदार शासन देने के वादों के बावजूद, 2021 में फिर से सत्ता पर काबिज होने के बाद सार्वजनिक रूप से कठोर दंड देना शुरू कर दिया। वे लोगों को किसी भी अपराध के लिए फांसी, कोड़े मारना और पत्थर मारने जैसे दंड देते हैं। तालिबान के 1990 के दशक के शासन में भी यही होता था। उच्चतम न्यायालय द्वारा अलग-अलग बयानों में बताया गया कि व्याभिचार और घर से भागने का प्रयास करने के दोषी एक पुरुष और एक महिला को बुधवार को उत्तरी पंजशीर प्रांत में कोड़े मारे गए। इस साल के शुरू में तालिबान ने उत्तरी जावजान प्रांत मे एक स्टेडियम में हजारों लोगों के सामने, हत्या के दोषी एक व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी थी। इस व्यक्ति को मृतक के भाई ने एक रायफल से पांच गोलियां मारी थीं।(एपी)

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इस्लामाबाद, 6 जून। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने बुधवार को सारी पुल प्रांत में तालिबान द्वारा एक दर्जन से अधिक महिलाओं सहित 60 से अधिक लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाने की निंदा की। यूएनएएमए ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान के अधिकारियों ने मंगलवार को कम से कम 63 लोगों को कोड़े मारे। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों का सम्मान करने के लिए कहा। तालिबान के उच्चतम न्यायालय ने एक बयान में 14 महिलाओं समेत 63 लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाने की पुष्टि की। इन लोगों पर अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न, चोरी और अनैतिक संबंधों जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। उन्हें एक खेल स्टेडियम में कोड़े मारे गए। तालिबान ने एक उदार शासन देने के वादों के बावजूद, 2021 में फिर से सत्ता पर काबिज होने के बाद सार्वजनिक रूप से कठोर दंड देना शुरू कर दिया। वे लोगों को किसी भी अपराध के लिए फांसी, कोड़े मारना और पत्थर मारने जैसे दंड देते हैं। तालिबान के 1990 के दशक के शासन में भी यही होता था। उच्चतम न्यायालय द्वारा अलग-अलग बयानों में बताया गया कि व्याभिचार और घर से भागने का प्रयास करने के दोषी एक पुरुष और एक महिला को बुधवार को उत्तरी पंजशीर प्रांत में कोड़े मारे गए। इस साल के शुरू में तालिबान ने उत्तरी जावजान प्रांत मे एक स्टेडियम में हजारों लोगों के सामने, हत्या के दोषी एक व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी थी। इस व्यक्ति को मृतक के भाई ने एक रायफल से पांच गोलियां मारी थीं।(एपी)