दिल्ली : बुराड़ी बिल्डिंग हादसे के करीब 36 घंटे बाद जीवित बाहर निकला परिवार

बुराड़ी, 29 जनवरी । बुराड़ी में निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत ध्वस्त गिरने के करीब 36 घंटे बाद बुधवार को मलबे से एक परिवार को बाहर निकला गया। एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों की कड़ी मशक्कत रंग लाई और परिवार को जीवित बाहर निकाला गया। मिली जानकारी के मुताबिक, एक दंपति और उनकी तीन वर्षीय बेटी और पांच वर्षीय बेटे को मलबे से बाहर निकाला गया है। चारों होश में हैं, हालांकि महिला और उसके बेटे को मामूली चोटें आई हैं। इस परिवार ने जीने की आस और उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन एक व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों की जान बचाने की उम्मीद में भगवान से आस लगाए बैठा था। राजेश नाम के इस शख्स ने जिंदा रखने के लिए अपने परिवार को टमाटर और मूंगफली खिलाई। राजेश इमारत की दूसरी मंजिल पर रह रहे थे। उन्होंने आपबीती सुनाते हुए कहा कि हादसे के बाद मात्र दो फुट का दायरा उन्हें सांस लेने और जिंदगी जीने के लिए मिला। जेसीबी क्रेन उनके ऊपर से गुजर रही थी और शोर-शराबे की आवाज आ रही थी, लेकिन उनकी आवाज कोई नहीं सुन पा रहा था। आखिरकार भगवान ने एक पिता के दिल की आवाज सुनी। एक पाइप के जरिए जमीन के मलबे में दबे राजेश ने अपने परिवार को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को संकेत दिए। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 21 लोगों को मलबे से निकाला गया है, जिनमें से पांच की मौत हो चुकी है। मृतकों में दो लड़कियां भी शामिल हैं। यह घटना एक निर्माणाधीन इमारत के ढहने के बाद हुई, जिसमें कई लोग मलबे में फंस गए थे। एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। बचाव दल की ओर से बताया गया है कि मलबे में कुछ और लोग फंसे हो सकते हैं, जिससे मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी तत्परता से चल रहा है और फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश जारी है। --(आईएएनएस)

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बुराड़ी, 29 जनवरी । बुराड़ी में निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत ध्वस्त गिरने के करीब 36 घंटे बाद बुधवार को मलबे से एक परिवार को बाहर निकला गया। एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों की कड़ी मशक्कत रंग लाई और परिवार को जीवित बाहर निकाला गया। मिली जानकारी के मुताबिक, एक दंपति और उनकी तीन वर्षीय बेटी और पांच वर्षीय बेटे को मलबे से बाहर निकाला गया है। चारों होश में हैं, हालांकि महिला और उसके बेटे को मामूली चोटें आई हैं। इस परिवार ने जीने की आस और उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन एक व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों की जान बचाने की उम्मीद में भगवान से आस लगाए बैठा था। राजेश नाम के इस शख्स ने जिंदा रखने के लिए अपने परिवार को टमाटर और मूंगफली खिलाई। राजेश इमारत की दूसरी मंजिल पर रह रहे थे। उन्होंने आपबीती सुनाते हुए कहा कि हादसे के बाद मात्र दो फुट का दायरा उन्हें सांस लेने और जिंदगी जीने के लिए मिला। जेसीबी क्रेन उनके ऊपर से गुजर रही थी और शोर-शराबे की आवाज आ रही थी, लेकिन उनकी आवाज कोई नहीं सुन पा रहा था। आखिरकार भगवान ने एक पिता के दिल की आवाज सुनी। एक पाइप के जरिए जमीन के मलबे में दबे राजेश ने अपने परिवार को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को संकेत दिए। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 21 लोगों को मलबे से निकाला गया है, जिनमें से पांच की मौत हो चुकी है। मृतकों में दो लड़कियां भी शामिल हैं। यह घटना एक निर्माणाधीन इमारत के ढहने के बाद हुई, जिसमें कई लोग मलबे में फंस गए थे। एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। बचाव दल की ओर से बताया गया है कि मलबे में कुछ और लोग फंसे हो सकते हैं, जिससे मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी तत्परता से चल रहा है और फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश जारी है। --(आईएएनएस)