निकोलस पूरन के मास्टर स्ट्रोक से लेकर हार्दिक पांड्या की लचर कप्तानी तक, जानें टीम इंडिया की हार के 5 सबसे बड़

नई दिल्ली भारत और वेस्टइंडीज के बीच 5 मैच की टी20 सीरीज का आखिरी और...

Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group

नई दिल्ली
भारत और वेस्टइंडीज के बीच 5 मैच की टी20 सीरीज का आखिरी और निर्णायक मुकाबला फ्लोरिडा के सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क स्टेडियम टर्फ ग्राउंड में खेला गया। इस मैच में मेजबानों ने टीम इंडिया को ना सिर्फ 8 विकेट से धूल चटाई बल्कि सीरीज को भी 3-2 से अपने नाम किया। वेस्टइंडीज 17 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत को 5 मैच की किसी सीरीज में हराने में कामयाब रहा है। इससे पहले साल 2006 में उन्होंने टीम इंडिया को इतने मैच की वनडे सीरीज में धूल चटाई थी। बात 5वें टी20 की करें तो इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबानों को 166 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे विंडीज ने बैंडन किंग के अर्धशतक की मदद से 8 विकेट और 12 गेंदें शेष रहते हासिल किया। मैच के दौरान भारत हर मामले में विंडीज से पीछे नजर आई। बल्लेबाजी में सूर्यकुमार यादव को छोड़कर हर कोई फ्लाप हुआ, वहीं मैच के दौरान टीम इंडिया की गेंदबाजी में भी धार नहीं देखने को मिली। वहीं वेस्टइंडीज ने निकोलस पूरन को नंबर-3 पर भेज मास्टर स्ट्रोक खेला जिसने हार्दिक पांड्या पांड्या एंड कंपनी के हर प्लान पर पानी फेरा।
आइए जानते हैं भारत की हार के 5 सबसे बड़े कारण-

सलामी बल्लेबाज फिर फ्लॉप
वेस्टइंडीज की सरजमीं पर खेले गए पहले तीन टी20 मुकाबलों में भारतीय सलामी जोड़ी बुरी तरह फ्लॉप रही थी। मगर जैसे ही टी20 सीरीज का कारवां अमेरिका पहुंचा तो यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल की जोड़ी ने गर्दा उड़ा दिया। चौथे टी20 में दोनों बल्लेबाजों ने 165 रनों की साझेदारी कर मेजबान टीम के गेंदबाजों की बखियां उधेड़ी। ऐसे में डिसाइडर मुकाबले में भारत की उम्मीद उनसे काफी बढ़ गई थी। हालांकि 5वें टी20 में दोनों ने निराश किया। यशस्वी 5 तो शुभमन गिल 9 के निजी स्कोर पर अकील हुसैन का शिकार बने। इस दौरान गिल के नाम शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हुआ। वह एक टी20 सीरीज में 4 बार सिंगल डिजिट पर आउट होने वाले पहले भारतीय बने हैं।

सूर्या के अलावा सभी ने किया निराश
सूर्यकुमार यादव को छोड़कर सलामी बल्लेबाज तो क्या टीम के हर खिलाड़ी ने निराश किया। भारतीय बैटिंग लाइनअप में संजू सैमसन, हार्दिक पांड्या जैसे धाकड़ बल्लेबाज थे, इसके बावजूद टीम इंडिया निर्धारित 20 ओवर में 165 के स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही। सूर्या की 61 रनों की पारी को अगर हटा दिया जाए तो भारत बड़ी मुश्किल से ही 100 रन का आंकड़ा पार कर पाया है। बैटिंग में गहराई लाने के लिए भारत लगातार अक्षर को मौके दे रहा था, मगर इस सीरीज में बल्ले से उन्होंने भी निराश ही किया है। सूर्यकुमार यादव ने दूसरे छोर से साथ ना मिलने के बावजूद 45 गेंदों पर 61 रनों की पारी खेली, इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 135.56 का रहा। यह 50 प्लस स्कोर करते हुए सूर्या के टी20 की सबसे धीमी पारी भी रही।

वेस्टइंडीज का मास्टर स्ट्रोक
मेजबान टीम ने अपने सबसे घातक बल्लेबाज निकलोस पूरन को नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने भेज मैच का सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला। पूरन पूरी सीरीज के दौरान गजब की फॉर्म में दिखे, ऐसे में काइल मेयर्स के दूसरी ही ओवर में आउट होने के बाद उन्होंने पूरन को प्रमोट कर नंबर तीन पर भेजा। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बैंडन किंग के साथ भारतीय गेंदबाजों की बखियां उधेड़ी और 47 रनों की धुआंधार पारी खेल टीम को जीत की राह दिखाई।

बैंडन किंग की लाजवाब बल्लेबाजी
मेजबान टीम के सलामी बल्लेबाज बैंडन किंग ने निर्णायक मुकाबले में अपना रौद्र रूप दिखाया। पहले चार टी20 में साधारण प्रदर्शन करते हुए किंग ने मात्र 88 रन बटोरे थे, मगर आखिरी मुकाबले में उन्होंने टीम के लिए नाबाद 85 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। ब्रैंडन किंग ने अपनी इस पारी में 5 चौके और 6 गगनचुंबी छक्के जड़े। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 154.55 का रहा। किंग इस टी20 सीरीज में निकोलस पूरन के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज रहे। उन्होंने अपनी इस पारी को बड़ी ही समझदारी से बुना। कुलदीप यादव को उन्होंने बिना किसी रिस्क के खेला, वहीं युजवेंद्र चहल को उन्होंने 4 छक्के जड़े।

भारत की लचर गेंदबाजी
वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज डिसाइडर मुकाबले में भारतीय गेंदबाजी में धार नजर नहीं आई। कुलदीप यादव को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी गेंदबाजों ने निराश किया। कप्तान हार्दिक पांड्या भी इस दौरान निशाने पर रहे। गेंदबाजी का आगाज करते हुए पांड्या ने 3 ओवर में बिना कोई विकेट लेते हुए 32 रन तो लुटाए ही, साथ ही पूरन के क्रीज पर रहने की वजह से उन्होंने अक्षर पटेल को मात्र 1 ही ओवर गेंदबाजी दी। अक्षर ने पिछले कुछ मैचों में पावरप्ले में काफी अच्छी गेंदबाजी की थी, मगर पूरन के नंबर-3 पर आने की वजह से हार्दिक ने उन्हें ओवर नहीं दिया। वहीं युजवेंद्र चहल ने अपने 4 ओवर के कोटे में बिना कोई विकेट लिए 51 रन खर्च किए।