नहर के आसपास चीन का प्रभाव कम करे पनामा, अन्यथा अमेरिका करेगा कार्रवाई: रुबियो

पनामा सिटी, 3 फरवरी। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से रविवार को कहा कि मध्य अमेरिकी सहयोगी को पनामा नहर क्षेत्र पर चीन के प्रभाव को तुरंत कम करना चाहिए, अन्यथा अमेरिकी प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। यह अमेरिका के विदेश मंत्री के रूप में रुबियो की पहली विदेश यात्रा है। उनका यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर के संचालन का नियंत्रण अमेरिका को वापस देने की मांग सहित पड़ोसी देशों और सहयोगियों पर दबाव बढ़ा दिया है। मुलिनो ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि रुबियो ने नहर पर पुनः कब्जा करने या बल प्रयोग करने की कोई वास्तविक धमकी नहीं दी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मांग की है कि नहर का नियंत्रण वापस अमेरिका को सौंप दिया जाना चाहिए। रुबियो ने ट्रंप की ओर से मुलिनो से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रारंभिक रूप से यह निर्धारित किया है कि नहर क्षेत्र में चीन की उपस्थिति उस संधि का उल्लंघन करती है जिसके तहत अमेरिका ने 1999 में जलमार्ग को पनामा को सौंपा था। उस संधि में अमेरिकी निर्मित नहर में स्थायी तटस्थता की बात कही गई है। रुबियो की रविवार को बाद में नहर का दौरा करने की योजना है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा, मंत्री रुबियो ने स्पष्ट किया कि यह यथास्थिति अस्वीकार्य है और तत्काल परिवर्तन न किए जाने की स्थिति में अमेरिका को संधि के तहत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। इस बीच, मुलिनो ने रुबियो के साथ अपनी बातचीत को सम्मानजनक और सकारात्मक बताते हुए कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि संधि को कोई वास्तविक खतरा है। उन्होंने स्वीकार किया कि नहर के छोर पर स्थित बंदरगाहों में चीन की भूमिका ने वाशिंगटन के लिए चिंताएं पैदा कर दी हैं लेकिन उन्हें नियंत्रित करने वाले संघ की लेखा परीक्षा की जा रही है और नहर प्राधिकरण रुबियो को अधिक विस्तृत स्पष्टीकरण देगा।(एपी)

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पनामा सिटी, 3 फरवरी। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से रविवार को कहा कि मध्य अमेरिकी सहयोगी को पनामा नहर क्षेत्र पर चीन के प्रभाव को तुरंत कम करना चाहिए, अन्यथा अमेरिकी प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। यह अमेरिका के विदेश मंत्री के रूप में रुबियो की पहली विदेश यात्रा है। उनका यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर के संचालन का नियंत्रण अमेरिका को वापस देने की मांग सहित पड़ोसी देशों और सहयोगियों पर दबाव बढ़ा दिया है। मुलिनो ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि रुबियो ने नहर पर पुनः कब्जा करने या बल प्रयोग करने की कोई वास्तविक धमकी नहीं दी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मांग की है कि नहर का नियंत्रण वापस अमेरिका को सौंप दिया जाना चाहिए। रुबियो ने ट्रंप की ओर से मुलिनो से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रारंभिक रूप से यह निर्धारित किया है कि नहर क्षेत्र में चीन की उपस्थिति उस संधि का उल्लंघन करती है जिसके तहत अमेरिका ने 1999 में जलमार्ग को पनामा को सौंपा था। उस संधि में अमेरिकी निर्मित नहर में स्थायी तटस्थता की बात कही गई है। रुबियो की रविवार को बाद में नहर का दौरा करने की योजना है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा, मंत्री रुबियो ने स्पष्ट किया कि यह यथास्थिति अस्वीकार्य है और तत्काल परिवर्तन न किए जाने की स्थिति में अमेरिका को संधि के तहत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। इस बीच, मुलिनो ने रुबियो के साथ अपनी बातचीत को सम्मानजनक और सकारात्मक बताते हुए कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि संधि को कोई वास्तविक खतरा है। उन्होंने स्वीकार किया कि नहर के छोर पर स्थित बंदरगाहों में चीन की भूमिका ने वाशिंगटन के लिए चिंताएं पैदा कर दी हैं लेकिन उन्हें नियंत्रित करने वाले संघ की लेखा परीक्षा की जा रही है और नहर प्राधिकरण रुबियो को अधिक विस्तृत स्पष्टीकरण देगा।(एपी)