पर्यावरण नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे रेत माफिया, राजस्व का भी हो रहा नुकसान

छत्तीसगढ़ संवाददाता बलौदाबाजार, 27 अप्रैल। जिले में रेत माफिया नियमों को दरकिनार कर महानदी से अवैध रूप से रेत का उत्खनन कर रहे हैं। यह काम देर रात में भी शुरू रहता है। इससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है साथ ही राज्य और जिले के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। जिले में पलारी के दतान, कसडोल के सुनसुनिया, चंगोरी, पिकरी व रींवाडीह रेत खदान है, जिसमें चार शुरू है और एक का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. इन रेत खदानों में लगभग 15 से 20 चैन माउंटेन उत्खनन में दिनरात लगे रहते हैं। प्रशासन की खानापूर्ति बलौदाबाजार जिले के खनिज प्रशासन की बात करें तो यहां पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी संजीदगी से कार्रवाई को अंजाम देते हैं पर रात में होने वाले रेत उत्खनन पर इनकी नजर नहीं जाती। यदि शिकायत आई तो परिवहनकर्ताओं पर कार्यवाही करते हैं,पर रेत खदान के ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करते। सूत्रों की माने तो इन रेत ठेकेदारों की ओर से एक बड़ी रकम प्रदान की जाती है। सूत्र के अनुसार कार्रवाई की जानकारी पहले रेत खदानों के संचालकों को मिल जाती है, जिसका बड़ा कारण यहां पर पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी हैं, जो बलौदाबाजार जिले में वर्षों से पदस्थ हैं। कलेक्टर की ओर से यदि कार्यवाही का आदेश होता है तो ये ठेकेदारों को सूचित कर देते हैं, जिससे बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती है। सूत्र यह भी बताते हैं कि खनिज विभाग में पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी अपनी पदस्थापना के लिए अधिकारियों को भी मोटी रकम देते हैं। खनिज विभाग में अधिकारियों का टोटा जिले में जब भी कार्यवाही की बात आती है तो खनिज विभाग अधिकारियों की कमी बताते हैं, जो सही भी है। पर्यावरण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी अवैध रूप से उत्खनन कर रहे ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करते और न कभी जांच करने आते हैं जबकि पर्यावरण विभाग का क्लीयरेंस बहुत जरूरी होता है। रेत खदानों की ठेके की बात करें तो ठेका किसी के नाम पर होता है और चलाता कोई और है। यह जांच का विषय है।इन सबके बीच बलौदाबाजार जिले में आचार संहिता के दौरान भी धड़ल्ले से देर रात अवैध उत्खनन जारी है।

पर्यावरण नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे रेत माफिया, राजस्व का भी हो रहा नुकसान
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
छत्तीसगढ़ संवाददाता बलौदाबाजार, 27 अप्रैल। जिले में रेत माफिया नियमों को दरकिनार कर महानदी से अवैध रूप से रेत का उत्खनन कर रहे हैं। यह काम देर रात में भी शुरू रहता है। इससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है साथ ही राज्य और जिले के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। जिले में पलारी के दतान, कसडोल के सुनसुनिया, चंगोरी, पिकरी व रींवाडीह रेत खदान है, जिसमें चार शुरू है और एक का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. इन रेत खदानों में लगभग 15 से 20 चैन माउंटेन उत्खनन में दिनरात लगे रहते हैं। प्रशासन की खानापूर्ति बलौदाबाजार जिले के खनिज प्रशासन की बात करें तो यहां पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी संजीदगी से कार्रवाई को अंजाम देते हैं पर रात में होने वाले रेत उत्खनन पर इनकी नजर नहीं जाती। यदि शिकायत आई तो परिवहनकर्ताओं पर कार्यवाही करते हैं,पर रेत खदान के ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करते। सूत्रों की माने तो इन रेत ठेकेदारों की ओर से एक बड़ी रकम प्रदान की जाती है। सूत्र के अनुसार कार्रवाई की जानकारी पहले रेत खदानों के संचालकों को मिल जाती है, जिसका बड़ा कारण यहां पर पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी हैं, जो बलौदाबाजार जिले में वर्षों से पदस्थ हैं। कलेक्टर की ओर से यदि कार्यवाही का आदेश होता है तो ये ठेकेदारों को सूचित कर देते हैं, जिससे बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती है। सूत्र यह भी बताते हैं कि खनिज विभाग में पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी अपनी पदस्थापना के लिए अधिकारियों को भी मोटी रकम देते हैं। खनिज विभाग में अधिकारियों का टोटा जिले में जब भी कार्यवाही की बात आती है तो खनिज विभाग अधिकारियों की कमी बताते हैं, जो सही भी है। पर्यावरण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी अवैध रूप से उत्खनन कर रहे ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करते और न कभी जांच करने आते हैं जबकि पर्यावरण विभाग का क्लीयरेंस बहुत जरूरी होता है। रेत खदानों की ठेके की बात करें तो ठेका किसी के नाम पर होता है और चलाता कोई और है। यह जांच का विषय है।इन सबके बीच बलौदाबाजार जिले में आचार संहिता के दौरान भी धड़ल्ले से देर रात अवैध उत्खनन जारी है।