दंतेवाड़ा, 7 अगस्त। दंतेवाड़ा में जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम देने विशेष पहल की गई। विद्यालयों में पालक - शिक्षक मेगा बैठक का मंगलवार को दीगर विभागों के साथ सामंजस्य बनाकर आयोजन किया गया। इस संयुक्त विचार मंथन का प्रमुख उद्देश्य जिले में शिक्षा के स्तर को और भी बेहतर बनाने के लिए सामूहिक भागीदारी तय करना मुख्य था।
बैठक में शामिल होने कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी हाई स्कूल बालपेट पहुंचे। बैठक में अन्य एजेंडों पर चर्चा करने के उपरांत उन्होंने पालकों से आग्रह किया कि बच्चों को पढ़ाई का सही माहौल देने के लिए शाला प्रबंधन के साथ-साथ पालकों की भी बड़ी जिम्मेदारी है। इस संबंध में पालक बच्चों से मध्यान्ह भोजन के वितरण, उनके खानपान के विषय में निरंतर जानकारी लें। जिससे बच्चों के शारीरिक विकास की निगरानी हो। इसके अलावा शालाओं की छुट्टी के दौरान यह प्रयास करें कि बच्चों की पढ़ाई करने के लय बरकरार रहे। इसके अलावा रोजाना बच्चों की पढ़ाई, दिनचर्या से संबंधित जानकारी लेते रहे। छात्रों द्वारा पालकों से अपनी समस्या के बारे में अवगत कराये।
संपूर्ण जिले के शासकीय शालाओं में संपन्न हुई पालक शिक्षक और अधिकारियों के इस बैठक में प्रमुख एजेंडे में छात्रों के शैक्षणिक विकास से संबंधित विभिन्न विषय वस्तु जैसे मेरा कोना अर्थात बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित वातावरण हेतु घर में ही पढ़ाई का एक कोना अथवा एक निश्चित स्थान तय करना,बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि विकसित करने हेतु, समय-सारणी निर्धारण,छात्र अपने बच्चों की दिनचर्या सुनिश्चित करने संबंधी विषय प्रमुख थे। इसके साथ ही पालको यह आग्रह किया गया कि वे बच्चों की अध्ययन गतिविधियों पर लगातार रूचि रखे जैसे जब बालक विद्यालय से घर पहुंचे तो अभिभावक उनसे जरूर यह पुछे कि उन्होंने आज विद्यालय में क्या पढ़ा और क्या सीखा, क्योकि अभिभावकों की बच्चों की शिक्षा में सहभागिता बढ़ेगी तब ही बच्चों के साथ बेहतर संवाद स्थापित हो पायेगा।
इसके साथ ही बैठक में कहा गया कि कक्षाओं में बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से विद्यालय में प्रतिदिन होने वाले प्रार्थना सभा में उन्हें अपने विचार अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदाय किया जाये। इससे छात्रों में स्वाभाविक रूप से रहने वाले झिझक की भावना दूर होगी।
बच्चों की अकादमिक प्रगति एवं परीक्षा पर चर्चा और बेहतर तैयार कर अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहन, परीक्षा के समय में बच्चों को संतुलित आहार तथा पर्याप्त नींद लेने व परीक्षा का तनाव न लेने के लिए उनसे लगातार संवाद करने, बच्चों को पुस्तक की उपलब्धता, जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों सहित अधिकारी-कर्मचारी से अपने पास रखे पढऩे लायक विभिन्न प्रकार के किताबों को भी दान करने, बस्ता रहित शनिवार दिवस को विभिन्न गतिविधियों यथा- कबाड़ से जुगाड और पानी बचाओ आदि गतिविधियां शामिल है। इस दौरान सीईओ कुमार विश्वरंजन और एसडीएम जयंत नाहटा द्वारा भी बैठकों में पृथक भाग लिया गया।
दंतेवाड़ा, 7 अगस्त। दंतेवाड़ा में जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम देने विशेष पहल की गई। विद्यालयों में पालक - शिक्षक मेगा बैठक का मंगलवार को दीगर विभागों के साथ सामंजस्य बनाकर आयोजन किया गया। इस संयुक्त विचार मंथन का प्रमुख उद्देश्य जिले में शिक्षा के स्तर को और भी बेहतर बनाने के लिए सामूहिक भागीदारी तय करना मुख्य था।
बैठक में शामिल होने कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी हाई स्कूल बालपेट पहुंचे। बैठक में अन्य एजेंडों पर चर्चा करने के उपरांत उन्होंने पालकों से आग्रह किया कि बच्चों को पढ़ाई का सही माहौल देने के लिए शाला प्रबंधन के साथ-साथ पालकों की भी बड़ी जिम्मेदारी है। इस संबंध में पालक बच्चों से मध्यान्ह भोजन के वितरण, उनके खानपान के विषय में निरंतर जानकारी लें। जिससे बच्चों के शारीरिक विकास की निगरानी हो। इसके अलावा शालाओं की छुट्टी के दौरान यह प्रयास करें कि बच्चों की पढ़ाई करने के लय बरकरार रहे। इसके अलावा रोजाना बच्चों की पढ़ाई, दिनचर्या से संबंधित जानकारी लेते रहे। छात्रों द्वारा पालकों से अपनी समस्या के बारे में अवगत कराये।
संपूर्ण जिले के शासकीय शालाओं में संपन्न हुई पालक शिक्षक और अधिकारियों के इस बैठक में प्रमुख एजेंडे में छात्रों के शैक्षणिक विकास से संबंधित विभिन्न विषय वस्तु जैसे मेरा कोना अर्थात बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित वातावरण हेतु घर में ही पढ़ाई का एक कोना अथवा एक निश्चित स्थान तय करना,बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि विकसित करने हेतु, समय-सारणी निर्धारण,छात्र अपने बच्चों की दिनचर्या सुनिश्चित करने संबंधी विषय प्रमुख थे। इसके साथ ही पालको यह आग्रह किया गया कि वे बच्चों की अध्ययन गतिविधियों पर लगातार रूचि रखे जैसे जब बालक विद्यालय से घर पहुंचे तो अभिभावक उनसे जरूर यह पुछे कि उन्होंने आज विद्यालय में क्या पढ़ा और क्या सीखा, क्योकि अभिभावकों की बच्चों की शिक्षा में सहभागिता बढ़ेगी तब ही बच्चों के साथ बेहतर संवाद स्थापित हो पायेगा।
इसके साथ ही बैठक में कहा गया कि कक्षाओं में बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से विद्यालय में प्रतिदिन होने वाले प्रार्थना सभा में उन्हें अपने विचार अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदाय किया जाये। इससे छात्रों में स्वाभाविक रूप से रहने वाले झिझक की भावना दूर होगी।
बच्चों की अकादमिक प्रगति एवं परीक्षा पर चर्चा और बेहतर तैयार कर अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहन, परीक्षा के समय में बच्चों को संतुलित आहार तथा पर्याप्त नींद लेने व परीक्षा का तनाव न लेने के लिए उनसे लगातार संवाद करने, बच्चों को पुस्तक की उपलब्धता, जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों सहित अधिकारी-कर्मचारी से अपने पास रखे पढऩे लायक विभिन्न प्रकार के किताबों को भी दान करने, बस्ता रहित शनिवार दिवस को विभिन्न गतिविधियों यथा- कबाड़ से जुगाड और पानी बचाओ आदि गतिविधियां शामिल है। इस दौरान सीईओ कुमार विश्वरंजन और एसडीएम जयंत नाहटा द्वारा भी बैठकों में पृथक भाग लिया गया।