बुजुर्ग को हाथी ने पटककर मार डाला

तेंदूपत्ता तोडऩे ग्रामीणों संग जंगल गया था छत्तीसगढ़ संवाददाता प्रतापपुर, 19 मई। वन परिक्षेत्र के गणेशपुर जंगल में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग को हाथी दल से अलग घूम रहे दतैंल ने पटक कर मार डाला। ज्ञात हो कि अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग के रास्ते पर गणेशपुर जंगल स्थित है। जहां रोजाना हाथियों को सडक़ पर देखा जाता है। सडक़ से 3 किमी अंदर जंगल में गणेशपुर निवासी रामकुमार तेंदूपत्ता तोडऩे ग्रामीणों के साथ गया था। उसके साथ पत्नी भी मौजूद थीं। यहां दतैंल हाथी को देख पत्नी व अन्य ग्रामीण भागने में सफल रहे, रामकुमार जान बचाने के लिए पेड़ पर चढऩे की कोशिश करने लगा, उसे दतैंल हाथी ने पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच शव का पोस्टमार्टम कराकर उसके परिजन को सौंप दिया। वन विभाग के कर्मचारी ने बताया कि 7-8 लोग जंगल के अंदर तेंदूपत्ता तोडऩे गए हुए थे। अन्य लोग वहां से भागने में सफल हो गए, पर बुजुर्ग भाग नहीं पाया। मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी जाएगी। घटना से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश है। ग्रामीणों ने वन विभाग के लोगों को जमकर खरी खोटी सुनाई तथा प्रतापपुर क्षेत्र में रेंजर के नहीं रहने पर उनको हटाने की मांग की है।

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तेंदूपत्ता तोडऩे ग्रामीणों संग जंगल गया था छत्तीसगढ़ संवाददाता प्रतापपुर, 19 मई। वन परिक्षेत्र के गणेशपुर जंगल में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग को हाथी दल से अलग घूम रहे दतैंल ने पटक कर मार डाला। ज्ञात हो कि अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग के रास्ते पर गणेशपुर जंगल स्थित है। जहां रोजाना हाथियों को सडक़ पर देखा जाता है। सडक़ से 3 किमी अंदर जंगल में गणेशपुर निवासी रामकुमार तेंदूपत्ता तोडऩे ग्रामीणों के साथ गया था। उसके साथ पत्नी भी मौजूद थीं। यहां दतैंल हाथी को देख पत्नी व अन्य ग्रामीण भागने में सफल रहे, रामकुमार जान बचाने के लिए पेड़ पर चढऩे की कोशिश करने लगा, उसे दतैंल हाथी ने पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच शव का पोस्टमार्टम कराकर उसके परिजन को सौंप दिया। वन विभाग के कर्मचारी ने बताया कि 7-8 लोग जंगल के अंदर तेंदूपत्ता तोडऩे गए हुए थे। अन्य लोग वहां से भागने में सफल हो गए, पर बुजुर्ग भाग नहीं पाया। मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी जाएगी। घटना से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश है। ग्रामीणों ने वन विभाग के लोगों को जमकर खरी खोटी सुनाई तथा प्रतापपुर क्षेत्र में रेंजर के नहीं रहने पर उनको हटाने की मांग की है।