मानसून का मनुहार लेकर कटई पहुँचे विदेशी मेहमान, गांव में उत्साह

छत्तीसगढ़ संवाददाता बेमेतरा, 11 जून। नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम कटई मानसून का मनुहार लेकर साइबेरियन परिंदे पहुंच चुके है। फिलहाल इनकी संख्या सौ के करीब है। उम्मीद है एक सप्ताह में इनकी पूरी टीम पहुंच जाएगी। कोई दो दशक से गजमुखी देवी के इस पावन धरा पर आने वाले इन विदेशी मेहमान को लोग किसी देवता से कम नहीं मानते। ग्राम के चुमन वर्मा ने बताया कि इनके आने से तय हो जाता है कि मानसून आने वाला है। जब ए पूरे समय यानी प्रजनन तक नवंबर-दिसंबर तक रुकते हैं तो किसान खुश रहते है फसल भरपूर होती है। बारिश के दिनों में गांव एवं उसके आसपास पेड़ व तालाब किनारे डेरा जमाते हैं। दिन भर आसपास के नाला तालाब नदी में चारा चुग कर शाम को अपने ठिकाने पर आ जाते हैं। श्री वर्मा ने बताया की यदि बीच में यह बसेरा छोड़ते हैं तो यह तय है कि अकाल पड़ेगा, इसके चलते यह कटई सहित आसपास के ग्राम के लिए मौसम वैज्ञानिक से कम नहीं है यह परिंदे। अतिथि सेवा पर प्रशासन उदासीन नवागढ़ ब्लाक में ग्राम गिधवा परसदा में विदेशी परिंदे स्थाई डेरा जमा लिए जिसके चलते राज्य का प्रथम पविहार योजना प्रस्तावित है जो किताबों तक ही सीमित है। राज्य गठन के 23 साल बाद भी जलभराव की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी है। कुछ यही हाल ग्राम कटई का है। अब तक जो वृक्षारोपण एवं जल की पर्याप्त उपलब्धता होनी थी श्रीगणेश नहीं हुआ है। जिला प्रशासन भी किसी तरह का कोई ठोस पहल आजतक नहीं कर सका है।

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छत्तीसगढ़ संवाददाता बेमेतरा, 11 जून। नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम कटई मानसून का मनुहार लेकर साइबेरियन परिंदे पहुंच चुके है। फिलहाल इनकी संख्या सौ के करीब है। उम्मीद है एक सप्ताह में इनकी पूरी टीम पहुंच जाएगी। कोई दो दशक से गजमुखी देवी के इस पावन धरा पर आने वाले इन विदेशी मेहमान को लोग किसी देवता से कम नहीं मानते। ग्राम के चुमन वर्मा ने बताया कि इनके आने से तय हो जाता है कि मानसून आने वाला है। जब ए पूरे समय यानी प्रजनन तक नवंबर-दिसंबर तक रुकते हैं तो किसान खुश रहते है फसल भरपूर होती है। बारिश के दिनों में गांव एवं उसके आसपास पेड़ व तालाब किनारे डेरा जमाते हैं। दिन भर आसपास के नाला तालाब नदी में चारा चुग कर शाम को अपने ठिकाने पर आ जाते हैं। श्री वर्मा ने बताया की यदि बीच में यह बसेरा छोड़ते हैं तो यह तय है कि अकाल पड़ेगा, इसके चलते यह कटई सहित आसपास के ग्राम के लिए मौसम वैज्ञानिक से कम नहीं है यह परिंदे। अतिथि सेवा पर प्रशासन उदासीन नवागढ़ ब्लाक में ग्राम गिधवा परसदा में विदेशी परिंदे स्थाई डेरा जमा लिए जिसके चलते राज्य का प्रथम पविहार योजना प्रस्तावित है जो किताबों तक ही सीमित है। राज्य गठन के 23 साल बाद भी जलभराव की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी है। कुछ यही हाल ग्राम कटई का है। अब तक जो वृक्षारोपण एवं जल की पर्याप्त उपलब्धता होनी थी श्रीगणेश नहीं हुआ है। जिला प्रशासन भी किसी तरह का कोई ठोस पहल आजतक नहीं कर सका है।