रफ़ाह में इसराइली हमले के बाद ब्रसेल्स में सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्री मिले

रफ़ाह में इसराइली हमले के बाद सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्रियों ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में बैठक की. इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने चर्चा की कि कैसे ग़ज़ा में युद्ध को तुरंत रोकने की ज़रूरत है और दो राष्ट्र समाधान तक पहुंचने के लिए बाक़ी देशों की ओर से क्या व्यावहारिक क़दम उठाए जा सकते हैं. बैठक में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान अल-सऊद और नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईड के साथ ही अल्ज़ीरिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, मिस्र, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, लातिविया, लिथुआनिया, माल्टा, नीदरलैंड्स, क़तर, ओआईसी, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया. बैठक में रफ़ाह में हमले रोकने सहित तत्काल संघर्षविराम लागू करने और बंधकों की रिहाई के साथ ही ग़ज़ा में जंग ख़त्म करने पर ज़ोर दिया गया. दोनों देशों ने ग़ज़ा में उपजे मानवीय संकट पर भी चिंता ज़ाहिर की और वेस्ट बैंक में अवैध कार्रवाई को बंद करने पर भी बात की. इमेज कैप्शन,रफ़ाह में शरणार्थी कैंप पर इसराइली हमले के बाद का मंज़र रविवार देर शाम इसराइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के दक्षिणी शहर रफ़ाह में विस्थापित फ़लस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया था. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 45 फ़लस्तीनी मारे गए. इस हमले के बाद ही सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्रियों की ये मुलाक़ात हुई है. नॉर्वे आज से ही फ़लस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने जा रहा है. बैठक में द्वि-राष्ट्र समाधान को अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के तहत लागू करने को मज़बूत समर्थन देने की भी बात कही. साथ ही ये कहा गया कि इस समाधान की शर्तों पर हर पक्ष सहमत होना चाहिए. इस दौरान नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड की ओर से फ़लस्तीन को देश मानने के फ़ैसले का स्वागत भी किया गया. दो-राष्ट्र सिद्धांत के तहत वेस्ट बैंक, गज़ा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में वर्ष 1967 की संघर्षविराम रेखा से पहले के क्षेत्र में एक स्वतंत्र फ़लस्तीनी राष्ट्र का निर्माण होना है जिसे इसराइल के साथ शांति से रहना होगा.(bbc.com/hindi)

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रफ़ाह में इसराइली हमले के बाद सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्रियों ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में बैठक की. इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने चर्चा की कि कैसे ग़ज़ा में युद्ध को तुरंत रोकने की ज़रूरत है और दो राष्ट्र समाधान तक पहुंचने के लिए बाक़ी देशों की ओर से क्या व्यावहारिक क़दम उठाए जा सकते हैं. बैठक में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान अल-सऊद और नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईड के साथ ही अल्ज़ीरिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, मिस्र, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, लातिविया, लिथुआनिया, माल्टा, नीदरलैंड्स, क़तर, ओआईसी, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया. बैठक में रफ़ाह में हमले रोकने सहित तत्काल संघर्षविराम लागू करने और बंधकों की रिहाई के साथ ही ग़ज़ा में जंग ख़त्म करने पर ज़ोर दिया गया. दोनों देशों ने ग़ज़ा में उपजे मानवीय संकट पर भी चिंता ज़ाहिर की और वेस्ट बैंक में अवैध कार्रवाई को बंद करने पर भी बात की. इमेज कैप्शन,रफ़ाह में शरणार्थी कैंप पर इसराइली हमले के बाद का मंज़र रविवार देर शाम इसराइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के दक्षिणी शहर रफ़ाह में विस्थापित फ़लस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया था. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 45 फ़लस्तीनी मारे गए. इस हमले के बाद ही सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्रियों की ये मुलाक़ात हुई है. नॉर्वे आज से ही फ़लस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने जा रहा है. बैठक में द्वि-राष्ट्र समाधान को अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के तहत लागू करने को मज़बूत समर्थन देने की भी बात कही. साथ ही ये कहा गया कि इस समाधान की शर्तों पर हर पक्ष सहमत होना चाहिए. इस दौरान नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड की ओर से फ़लस्तीन को देश मानने के फ़ैसले का स्वागत भी किया गया. दो-राष्ट्र सिद्धांत के तहत वेस्ट बैंक, गज़ा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में वर्ष 1967 की संघर्षविराम रेखा से पहले के क्षेत्र में एक स्वतंत्र फ़लस्तीनी राष्ट्र का निर्माण होना है जिसे इसराइल के साथ शांति से रहना होगा.(bbc.com/hindi)