छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोण्डागांव, 11 नवंबर।गायत्री साय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव, एवं सुरेन्द्र भटृ प्रतिधारक अधिवक्ता प्रबंध कार्यालय कोण्डागांव के द्वारा विधिक सेवा दिवस के अवसर पर कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोण्डागांव में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गायत्री साय ने कहा कि 9 नवम्बर को देशभर में विधिक सेवा दिवस का आयोजन किया जा रहा है। यह दिन समाज के कमजोर वर्गों को न्याय और विधिक सहायता उपलब्ध कराने की महत्व को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस दिन विधिक सेवा दिवस मनाने का उददेश्य समाज के हर वर्ग को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनके लिए नि:शुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था को सुलभ बनाना है।
सुरेन्द्र भट्ट ने कहा कि विधिक सेवा दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति, चाहे वह आर्थिक, समाजिक या भौगोलिक दृष्टिकोण से किसी भी वर्ग से संबंधित हो, उसे न्याय मिलना चाहिए। यह दिन इस बात पर जोर देता है कि समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों को भी समान न्याय मिलने का अधिकार है तथा छात्र-छात्राओं को बाल विवाह निषेध अधिनियमए 2006 के तहत बाल विवाह पर रोक लगाने के संबंध में, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098, पीडित क्षतिपूर्ति योजना 2018, मोटर यान अधिनियम, किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम, भारतीय संविधान में प्रदत्त नागरिकों के मौलिख अधिकार एवं उनके कर्तव्यों के बारे मे, सालसा द्वारा संचालित पहचान अभियान के संबंध में एवं नालसा हेल्प लाइन नम्बर 15100 के संबंध में जानकारी दी गई। इस शिविर के माध्यम से छात्राओं को यह समझने में मदद मिली कि ये कैसे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती हैं और कानूनी मामलों में किस प्रकार से मदद प्राप्त कर सकती है।
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कोण्डागांव, 11 नवंबर।गायत्री साय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव, एवं सुरेन्द्र भटृ प्रतिधारक अधिवक्ता प्रबंध कार्यालय कोण्डागांव के द्वारा विधिक सेवा दिवस के अवसर पर कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोण्डागांव में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गायत्री साय ने कहा कि 9 नवम्बर को देशभर में विधिक सेवा दिवस का आयोजन किया जा रहा है। यह दिन समाज के कमजोर वर्गों को न्याय और विधिक सहायता उपलब्ध कराने की महत्व को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस दिन विधिक सेवा दिवस मनाने का उददेश्य समाज के हर वर्ग को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनके लिए नि:शुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था को सुलभ बनाना है।
सुरेन्द्र भट्ट ने कहा कि विधिक सेवा दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति, चाहे वह आर्थिक, समाजिक या भौगोलिक दृष्टिकोण से किसी भी वर्ग से संबंधित हो, उसे न्याय मिलना चाहिए। यह दिन इस बात पर जोर देता है कि समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों को भी समान न्याय मिलने का अधिकार है तथा छात्र-छात्राओं को बाल विवाह निषेध अधिनियमए 2006 के तहत बाल विवाह पर रोक लगाने के संबंध में, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098, पीडित क्षतिपूर्ति योजना 2018, मोटर यान अधिनियम, किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम, भारतीय संविधान में प्रदत्त नागरिकों के मौलिख अधिकार एवं उनके कर्तव्यों के बारे मे, सालसा द्वारा संचालित पहचान अभियान के संबंध में एवं नालसा हेल्प लाइन नम्बर 15100 के संबंध में जानकारी दी गई। इस शिविर के माध्यम से छात्राओं को यह समझने में मदद मिली कि ये कैसे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती हैं और कानूनी मामलों में किस प्रकार से मदद प्राप्त कर सकती है।