सभी बैंक बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर लोन एकाउंट में गड़बड़ी कर रहे
सभी बैंक बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर लोन एकाउंट में गड़बड़ी कर रहे
रेरा अध्यक्ष ने सुधारने कहा
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 16 अक्टूबर। सभी बैंक बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर लोन एकाउंट में गड़बड़ी कर रहे हैं। इसकी शिकायतों और जांच में पुष्टि ये बाद छत्तीसगढ़ रेरा ने सभी बैंकों के ईडी,जोनल मैनेजर जैसे बड़े अफसरों को तलब कर गड़बड़ी रोकने चेताया है।
मंगलवार को छत्तीसगढ़ रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला ने अधिसूचित बैंक अधिकारियों एवं बिल्डर्स संगठन क्रेडाई के सदस्यों के साथ संयुक्त बैठक की।
श्री शुक्ला ने कहा कि रेरा ने कई अवसरों पर पाया है कि कुछ बैंकों द्वारा खातों के संचालन में अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे निवेशकों और बैंकों के हितों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। इसके लिए बैंकों को नियमों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि रेरा प्रावधानों के अनुसार, किसी भी प्रोजेक्ट के लिए तीन प्रकार के खाते आवश्यक हैं। कलेक्शन अकाउंट में जमा राशि का 70 प्रतिशत रेरा डेजिग्नेटेड खाते और 30 प्रतिशत राशि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट से संबंधित खाते में अंतरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि रेरा खाते में जमा 70 प्रतिशत राशि समय-समय पर बिल्डर द्वारा कार्य की प्रगति के आधार पर बिल्डर के खाते में अंतरित किया जाता है, जिससे बिल्डर आबंटितों से प्राप्त राशि का दुरुपयोग नहीं कर सकता है।
बैठक में बैंकों ने रेरा के साथ मिलकर प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने तथा सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करने की सहमति दी। इस संबंध में विस्तृत जानकारी रेरा की वेबसाइट ह्म्द्गह्म्ड्ड.ष्द्दह्यह्लड्डह्लद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ पर प्राप्त कर किया जा सकता है।
बैठक में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ईडी महेन्द्र डोहरे, पीएंडबी के जोनल मैनेजर और 28 राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के अधिकारी, साथ ही क्रेडाई (रायपुर और बिलासपुर) के सदस्य शामिल हुए।
रेरा अध्यक्ष ने सुधारने कहा
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 16 अक्टूबर। सभी बैंक बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर लोन एकाउंट में गड़बड़ी कर रहे हैं। इसकी शिकायतों और जांच में पुष्टि ये बाद छत्तीसगढ़ रेरा ने सभी बैंकों के ईडी,जोनल मैनेजर जैसे बड़े अफसरों को तलब कर गड़बड़ी रोकने चेताया है।
मंगलवार को छत्तीसगढ़ रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला ने अधिसूचित बैंक अधिकारियों एवं बिल्डर्स संगठन क्रेडाई के सदस्यों के साथ संयुक्त बैठक की।
श्री शुक्ला ने कहा कि रेरा ने कई अवसरों पर पाया है कि कुछ बैंकों द्वारा खातों के संचालन में अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे निवेशकों और बैंकों के हितों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। इसके लिए बैंकों को नियमों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि रेरा प्रावधानों के अनुसार, किसी भी प्रोजेक्ट के लिए तीन प्रकार के खाते आवश्यक हैं। कलेक्शन अकाउंट में जमा राशि का 70 प्रतिशत रेरा डेजिग्नेटेड खाते और 30 प्रतिशत राशि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट से संबंधित खाते में अंतरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि रेरा खाते में जमा 70 प्रतिशत राशि समय-समय पर बिल्डर द्वारा कार्य की प्रगति के आधार पर बिल्डर के खाते में अंतरित किया जाता है, जिससे बिल्डर आबंटितों से प्राप्त राशि का दुरुपयोग नहीं कर सकता है।
बैठक में बैंकों ने रेरा के साथ मिलकर प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने तथा सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करने की सहमति दी। इस संबंध में विस्तृत जानकारी रेरा की वेबसाइट ह्म्द्गह्म्ड्ड.ष्द्दह्यह्लड्डह्लद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ पर प्राप्त कर किया जा सकता है।
बैठक में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ईडी महेन्द्र डोहरे, पीएंडबी के जोनल मैनेजर और 28 राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के अधिकारी, साथ ही क्रेडाई (रायपुर और बिलासपुर) के सदस्य शामिल हुए।