डेढ़ माह में भी नहीं हो सकी 'कुलगुरु' की नियुक्ति:छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए राज्यपाल ने दिया एक माह का अतिरिक्त समय
डेढ़ माह में भी नहीं हो सकी 'कुलगुरु' की नियुक्ति:छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए राज्यपाल ने दिया एक माह का अतिरिक्त समय
छिंदवाड़ा के राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय में कुलगुरु के पद पर चयन के लिए नियुक्त कमेटी छह हफ्ते में (डेढ़ माह) में कुलगुरु की तलाश नहीं कर पाई। इसके बाद अब राज्यपाल ने इस कमेटी को एक महीने का समय ओर दिया है। कमेटी अब 25 नवम्बर तक फिर कुलगुरु के नामों के पैनल की अनुशंसा करेगी। इसके बाद राज्यपाल और कुलाधिपति राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा द्वारा कुलगुरु की नियुक्ति की जाएगी। राजभवन ने इसके लिए बनाई गई कमेटी को एक माह का अतिरिक्त समय दिए जाने की स्वीकृति दी है। एमपी विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अंतर्गत राज्यपाल की ओर से राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा के नियमित कुलुगुरु के पद पर नियुक्ति के लिए 11 सितम्बर 2024 को कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा की अध्यक्षता में दो अन्य सदस्य नियुक्त किए गए थे। दो अन्य सदस्यों में अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति खेम सिंह डेहरिया और ओड़िसा केंद्रीय विश्वविद्यालय सुनाबेड़ा कोरापुट (ओड़िसा) के कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी नियुक्त हैं। इस कमेटी को समिति के गठन के बाद छह सप्ताह में बैठक कर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के समक्ष कुलगुरु राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा के लिए पैनल पेश करने को कहा गया था लेकिन कमेटी के मेंबर्स की बैठक ही नहीं हो सकी। इसके चलते समिति ने राज्यपाल से पैनल के नाम देने को लेकर अतिरिक्त समय की मांग की। जिसके बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 13 की उपधारा (5) के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए समिति का कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ा दिया है।
छिंदवाड़ा के राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय में कुलगुरु के पद पर चयन के लिए नियुक्त कमेटी छह हफ्ते में (डेढ़ माह) में कुलगुरु की तलाश नहीं कर पाई। इसके बाद अब राज्यपाल ने इस कमेटी को एक महीने का समय ओर दिया है। कमेटी अब 25 नवम्बर तक फिर कुलगुरु के नामों के पैनल की अनुशंसा करेगी। इसके बाद राज्यपाल और कुलाधिपति राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा द्वारा कुलगुरु की नियुक्ति की जाएगी। राजभवन ने इसके लिए बनाई गई कमेटी को एक माह का अतिरिक्त समय दिए जाने की स्वीकृति दी है। एमपी विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अंतर्गत राज्यपाल की ओर से राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा के नियमित कुलुगुरु के पद पर नियुक्ति के लिए 11 सितम्बर 2024 को कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा की अध्यक्षता में दो अन्य सदस्य नियुक्त किए गए थे। दो अन्य सदस्यों में अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति खेम सिंह डेहरिया और ओड़िसा केंद्रीय विश्वविद्यालय सुनाबेड़ा कोरापुट (ओड़िसा) के कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी नियुक्त हैं। इस कमेटी को समिति के गठन के बाद छह सप्ताह में बैठक कर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के समक्ष कुलगुरु राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा के लिए पैनल पेश करने को कहा गया था लेकिन कमेटी के मेंबर्स की बैठक ही नहीं हो सकी। इसके चलते समिति ने राज्यपाल से पैनल के नाम देने को लेकर अतिरिक्त समय की मांग की। जिसके बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 13 की उपधारा (5) के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए समिति का कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ा दिया है।