दुष्कर्म का आरोपी तहसीलदार सस्पेंड:बैतूल करा लिया था ट्रांसफर, ज्वाइन नहीं किया; पुलिस नहीं कर पा रही गिरफ्तार

ग्वालियर में दुष्कर्म के आरोप में फरार पांच हजार के इनामी तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान को अब सस्पेंड कर दिया गया है। इनामी तहसीलदार ने गुपचुप तरीके से पुलिस को भनक लगे बिना ग्वालियर से अपना तबादला बैतूल करा लिया था। लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद बैतूल में ज्वाइन नहीं किया। जिस पर शासन ने बैतूल कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी। इसके बाद बैतूल कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद शासन द्वारा फरार तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया है। दुष्कर्म के मामले में FIR दर्ज हुए दो महीने से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक ग्वालियर की महिला थाना पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। जबकि दुष्कर्म पीड़िता को पुलिस हर दिन बयान या अन्य किसी कारण से परेशान कर रही है। पीड़िता का आरोप है कि तहसीलदार उसके गांव में जाकर पिता व भाई को परेशान कर रहा है। 2010 में मंदिर में सिंदूर भरकर शादी की भिंड की मूल निवासी दुष्कर्म पीड़ित महिला फिलहाल ग्वालियर के थाटीपुर में रह रही है। पुलिस को उसने बताया कि 2005-06 में उसकी शादी हुई थी। दो साल बाद पति का देहांत हो गया। तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान का उसके जेठ के पास आना-जाना था। महिला का आरोप है कि 10 अगस्त 2008 को भिंड के मानगढ़ गांव में रात 10:30 बजे तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने शादी का वादा कर उसके साथ संबंध बनाए। इसी साल वह नायब तहसीलदार बने। इसके बाद वह लगातार उसका शारीरिक शोषण करते रहे। 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में सिंदूर भरकर शादी की। जहां भी उनकी पोस्टिंग हुई, उन्होंने उसे वहां रखा। महिला का कहना है कि 2014 में उसके बेटे का जन्म हुआ, जिसका डीएनए टेस्ट कभी भी कराया जा सकता है। विरोध किया तो की मारपीट महिला ने बताया कि तहसीलदार की चार पत्नियां हैं। जब उसे इसकी जानकारी हुई और उसने विरोध किया तो तहसीलदार ने उससे मारपीट की। बात करना बंद कर दिया। वे उसका पैसा और गहने भी लेकर चले गए। 2 जनवरी 2025 को शाम 6-7 बजे के बीच तहसीलदार ने उसके घर आकर दुर्व्यवहार करने की कोशिश की लेकिन उसने उन्हें धक्का देकर भगा दिया। महिला का कहना है कि उसने दिसंबर में ही मामले की शिकायत महिला थाना में की थी लेकिन एफआईआर 15 जनवरी की रात दर्ज की गई। FIR के तीन दिन बाद करा लिया था ट्रांसफर दुष्कर्म के आरोप में फरार तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने 15 जनवरी 2025 को मामला दर्ज होते ही तीन दिन बाद अपना ट्रांसफर करा लिया था। हालांकि ट्रांसफर शासन स्तर पर सिर्फ उसका ही हुआ था। उसे ग्वालियर से बैतूल भेजा गया था। यह बात जिला प्रशासन ने पुलिस प्रशासन से शेयर भी नहीं की, जबकि आरोपी तहसीलदार पांच हजार का इनामी है। जब आरोप लगा था तो शत्रुघन सिंह चौहान ग्वालियर के भितरवार तहसील में बतौर तहसीलदार पदस्थ थे। आरोप के तत्काल बाद उनको राजस्व कार्यालय में अटैच किया गया था। पर यहां उन्होंने ज्वाइन नहीं किया था। बैतूल कलेक्टर की रिपोर्ट पर किया गया सस्पेंड पांच हजार के इनामी आरोपी तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने गुपचुप ढंग से अपना ट्रांसफर तो करा लिया, लेकिन गिरफ्तारी के डर से उसने बैतूल में ज्वाइन नहीं किया। लगातार फरार होने पर शासन ने बैतूल कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी। कलेक्टर बैतूल की रिपोर्ट पर शासन से शत्रुघन सिंह चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है। सेशन कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जमानत याचिका हो चुकी है खारिज ग्वालियर में दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने पहले जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया था, जिसको सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद तहसीलदार चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन वहां से भी अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज हो गया। जिसके बाद पुलिस ने फरार तहसीलदार पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद फरार तहसीलदार ने सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए आवेदन किया। वहां से भी उसे राहत नहीं मिली थी। अब उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पुलिस को नहीं मिल रहा फरार तहसीलदार यह मामला महिला थाना प्रभारी दीप्ति सिंह तोमर के पास है। उनका कहना है कि वह फरार तहसीलदार की तलाश में लगी हैं, लेकिन वो हाथ नहीं आ रहा है। पुलिस लगातार आरोपी को गिरफ्तार करने में फेल हो रही है।

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ग्वालियर में दुष्कर्म के आरोप में फरार पांच हजार के इनामी तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान को अब सस्पेंड कर दिया गया है। इनामी तहसीलदार ने गुपचुप तरीके से पुलिस को भनक लगे बिना ग्वालियर से अपना तबादला बैतूल करा लिया था। लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद बैतूल में ज्वाइन नहीं किया। जिस पर शासन ने बैतूल कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी। इसके बाद बैतूल कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद शासन द्वारा फरार तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया है। दुष्कर्म के मामले में FIR दर्ज हुए दो महीने से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक ग्वालियर की महिला थाना पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। जबकि दुष्कर्म पीड़िता को पुलिस हर दिन बयान या अन्य किसी कारण से परेशान कर रही है। पीड़िता का आरोप है कि तहसीलदार उसके गांव में जाकर पिता व भाई को परेशान कर रहा है। 2010 में मंदिर में सिंदूर भरकर शादी की भिंड की मूल निवासी दुष्कर्म पीड़ित महिला फिलहाल ग्वालियर के थाटीपुर में रह रही है। पुलिस को उसने बताया कि 2005-06 में उसकी शादी हुई थी। दो साल बाद पति का देहांत हो गया। तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान का उसके जेठ के पास आना-जाना था। महिला का आरोप है कि 10 अगस्त 2008 को भिंड के मानगढ़ गांव में रात 10:30 बजे तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने शादी का वादा कर उसके साथ संबंध बनाए। इसी साल वह नायब तहसीलदार बने। इसके बाद वह लगातार उसका शारीरिक शोषण करते रहे। 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में सिंदूर भरकर शादी की। जहां भी उनकी पोस्टिंग हुई, उन्होंने उसे वहां रखा। महिला का कहना है कि 2014 में उसके बेटे का जन्म हुआ, जिसका डीएनए टेस्ट कभी भी कराया जा सकता है। विरोध किया तो की मारपीट महिला ने बताया कि तहसीलदार की चार पत्नियां हैं। जब उसे इसकी जानकारी हुई और उसने विरोध किया तो तहसीलदार ने उससे मारपीट की। बात करना बंद कर दिया। वे उसका पैसा और गहने भी लेकर चले गए। 2 जनवरी 2025 को शाम 6-7 बजे के बीच तहसीलदार ने उसके घर आकर दुर्व्यवहार करने की कोशिश की लेकिन उसने उन्हें धक्का देकर भगा दिया। महिला का कहना है कि उसने दिसंबर में ही मामले की शिकायत महिला थाना में की थी लेकिन एफआईआर 15 जनवरी की रात दर्ज की गई। FIR के तीन दिन बाद करा लिया था ट्रांसफर दुष्कर्म के आरोप में फरार तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने 15 जनवरी 2025 को मामला दर्ज होते ही तीन दिन बाद अपना ट्रांसफर करा लिया था। हालांकि ट्रांसफर शासन स्तर पर सिर्फ उसका ही हुआ था। उसे ग्वालियर से बैतूल भेजा गया था। यह बात जिला प्रशासन ने पुलिस प्रशासन से शेयर भी नहीं की, जबकि आरोपी तहसीलदार पांच हजार का इनामी है। जब आरोप लगा था तो शत्रुघन सिंह चौहान ग्वालियर के भितरवार तहसील में बतौर तहसीलदार पदस्थ थे। आरोप के तत्काल बाद उनको राजस्व कार्यालय में अटैच किया गया था। पर यहां उन्होंने ज्वाइन नहीं किया था। बैतूल कलेक्टर की रिपोर्ट पर किया गया सस्पेंड पांच हजार के इनामी आरोपी तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने गुपचुप ढंग से अपना ट्रांसफर तो करा लिया, लेकिन गिरफ्तारी के डर से उसने बैतूल में ज्वाइन नहीं किया। लगातार फरार होने पर शासन ने बैतूल कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी। कलेक्टर बैतूल की रिपोर्ट पर शासन से शत्रुघन सिंह चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है। सेशन कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जमानत याचिका हो चुकी है खारिज ग्वालियर में दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने पहले जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया था, जिसको सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद तहसीलदार चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन वहां से भी अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज हो गया। जिसके बाद पुलिस ने फरार तहसीलदार पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद फरार तहसीलदार ने सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए आवेदन किया। वहां से भी उसे राहत नहीं मिली थी। अब उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पुलिस को नहीं मिल रहा फरार तहसीलदार यह मामला महिला थाना प्रभारी दीप्ति सिंह तोमर के पास है। उनका कहना है कि वह फरार तहसीलदार की तलाश में लगी हैं, लेकिन वो हाथ नहीं आ रहा है। पुलिस लगातार आरोपी को गिरफ्तार करने में फेल हो रही है।