किसानों के लिए मक्का ही सर्वश्रेष्ठ है - अशोक

छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 24 अक्टूबर। भाजपा किसान नेता अशोक चौधरी ने खुज्जी के पूर्व विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू के बयान गन्ना की बोनस राशि में भाजपा सरकार कटौती कर रही है, पर पलटवार करते कहा कि जिस समय वह विधायक थी, उस समय कांग्रेस की सरकार ने प्रतिवर्ष गन्ना बोनस राशि में कटौती की थी। उस समय पूर्व विधायक श्रीमती साहू को किसानों की चिंता नहीं थी, अब जब वह विपक्ष में आ गए हैं तो किसानों की चिंता सता रही है। किसान नेता श्री चौधरी ने कहा कि वास्तविक बात यह है कि गन्ना प्रति क्विंटल 355 की राशि में खरीदी करना है। जिसमें केंद्रीय समर्थन मूल्य जो घोषित होता है, उसमें जो राशि कम पड़ती है, उस राशि को राज्य सरकार बोनस के रूप में देती है। समर्थन मूल्य हर साल कुछ न कुछ बढ़ता ही है, ऐसे में बोनस की राशि में अपने आप कटौती हो जाती है। इसका एक प्रमाण आप सबके सम्मुख प्रस्तुत है। रही बात धान और मक्के की तो छत्तीसगढ़ में धान सर प्लस है और सबको चिंता है कि फसल चक्र परिवर्तन के रूप में किसानों के लिए मक्का ही सर्वश्रेष्ठ है। इसका उत्पादन 35 से 40 क्विंटल होने के कारण धान से हो रही आमदनी से ज्यादा लाभ किसानों को मक्का उत्पादन में हो सकता है। यह राष्ट्रीय चिंतन है। इसमें पूर्व विधायक को नेतागिरी नहीं करनी चाहिए। किसान नेता अशोक चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य में गन्ना से चीनी का रिकवरी प्रतिशत 10-15 प्रतिशत के हिसाब से रहता है। छत्तीसगढ़ के गन्ने से 12 प्रतिशत से अधिक चीनी रिकवरी दर है, इसलिए पार्टीहित छोडक़र किसानों के हित में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से यह मांग होनी चाहिए कि छत्तीसगढ़ के किसानों को गन्ने का समर्थन मूल्य हरियाणा की तरह जो की 400 रुपए प्रति क्विंटल है। छत्तीसगढ़ के किसानों को भी 400 रुपए मिले।

किसानों के लिए मक्का ही सर्वश्रेष्ठ है - अशोक
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group

छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 24 अक्टूबर। भाजपा किसान नेता अशोक चौधरी ने खुज्जी के पूर्व विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू के बयान गन्ना की बोनस राशि में भाजपा सरकार कटौती कर रही है, पर पलटवार करते कहा कि जिस समय वह विधायक थी, उस समय कांग्रेस की सरकार ने प्रतिवर्ष गन्ना बोनस राशि में कटौती की थी। उस समय पूर्व विधायक श्रीमती साहू को किसानों की चिंता नहीं थी, अब जब वह विपक्ष में आ गए हैं तो किसानों की चिंता सता रही है। किसान नेता श्री चौधरी ने कहा कि वास्तविक बात यह है कि गन्ना प्रति क्विंटल 355 की राशि में खरीदी करना है। जिसमें केंद्रीय समर्थन मूल्य जो घोषित होता है, उसमें जो राशि कम पड़ती है, उस राशि को राज्य सरकार बोनस के रूप में देती है। समर्थन मूल्य हर साल कुछ न कुछ बढ़ता ही है, ऐसे में बोनस की राशि में अपने आप कटौती हो जाती है। इसका एक प्रमाण आप सबके सम्मुख प्रस्तुत है। रही बात धान और मक्के की तो छत्तीसगढ़ में धान सर प्लस है और सबको चिंता है कि फसल चक्र परिवर्तन के रूप में किसानों के लिए मक्का ही सर्वश्रेष्ठ है। इसका उत्पादन 35 से 40 क्विंटल होने के कारण धान से हो रही आमदनी से ज्यादा लाभ किसानों को मक्का उत्पादन में हो सकता है। यह राष्ट्रीय चिंतन है। इसमें पूर्व विधायक को नेतागिरी नहीं करनी चाहिए। किसान नेता अशोक चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य में गन्ना से चीनी का रिकवरी प्रतिशत 10-15 प्रतिशत के हिसाब से रहता है। छत्तीसगढ़ के गन्ने से 12 प्रतिशत से अधिक चीनी रिकवरी दर है, इसलिए पार्टीहित छोडक़र किसानों के हित में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से यह मांग होनी चाहिए कि छत्तीसगढ़ के किसानों को गन्ने का समर्थन मूल्य हरियाणा की तरह जो की 400 रुपए प्रति क्विंटल है। छत्तीसगढ़ के किसानों को भी 400 रुपए मिले।