99 एकड़ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के आरोप

राजस्व विभाग ने लिया संज्ञान छत्तीसगढ़ संवाददाता रायगढ़, 19 जनवरी। पुसौर के ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा और उसके आश्रित ग्राम सराईपाली में सरपंच सचिव एवं अन्य दबंगों द्वारा 99 एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के गंभीर आरोप हैं। उक्त मामले में नायब तहसीलदार पुसौर ने प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। आवेदक रघुनाथ चौहान पिता फकीरचंद चौहान निवासी सराईपाली द्वारा 31 दिसंबर 2024 को भू राजस्व संहिता धारा 248 के अंतर्गत दिए गए आवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। भू राजस्व संहिता धारा 248 के अंतर्गत दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि पुसौर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा के सरपंच और सराईपाली के पंचों सहित कुछ दबंग व्यक्तियों ने शासकीय मद में दर्ज विभिन्न खसरा नंबरों (200-1, 213-1, 213-3, 275-1, 279-1, 290, 399-2, 231-1, और 11-1) की लगभग 99 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। यह भूमि तालाब, गौचर और सरकारी उपयोग के लिए आरक्षित है। आवेदन में मांग की गई है कि अतिक्रमण हटाकर शासकीय भूमि को सुरक्षित किया जाए। साथ ही, दबंगों द्वारा किए गए अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की जाए ताकि शासकीय उपयोग की जमीन वापस मिल सके। अतिक्रमण के इस गंभीर मामले को राजस्व विभाग पुसौर के द्वारा संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार ने प्रकरण दर्ज कर नोटिस जारी कर आरआई और पटवारी को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। शिकायत में लगाए गए गंभीर आरोप सरपंच हीरधर साहू ने शासकीय भूमि पर स्थित तालाब (ख.नं. 200-1) को पाटकर वहां मकान, होटल और बाड़ी बना लिया है, इसी तरह पंच नलिनी पाव, नर्मदा पटेल, और कमल प्रसाद प्रधान ने सरकारी स्कूल और शासकीय भूमि पर मकान व बाड़ी बना रखी है तथा छाया बाई चौहान, मदन चौहान, और दसरथ प्रधान ने खेती और निजी निर्माण कार्यों के लिए शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है। सफेद गुप्ता ने गौचर भूमि पर अवैध रूप से खेती शुरू कर दी है, जिससे ग्राम में गौचर भूमि समाप्त हो गई है। आवेदक ने समस्त शासकीय भूमि का नक्शा, खसरा नंबर व अन्य दस्तावेज आवेदन में संलग्न कर अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की है। नायब तहसीलदार पुसौर ने 13 जनवरी को प्रकरण दर्ज करते हुए आदेश जारी किए हैं कि सभी अनावेदकों के खिलाफ काम रोको आदेश जारी किया गया है। हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक को मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण करने और पी-23 रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। बहरहाल इस मामले में प्रशासन की सक्रियता से ग्रामीणों में उम्मीद जगी है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे को हटाकर उसे सार्वजनिक उपयोग के लिए पुन: सुरक्षित किया जाएगा। वहीं, इस कार्रवाई ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है और सभी की नजरें अब तहसील प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

99 एकड़ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के आरोप
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राजस्व विभाग ने लिया संज्ञान छत्तीसगढ़ संवाददाता रायगढ़, 19 जनवरी। पुसौर के ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा और उसके आश्रित ग्राम सराईपाली में सरपंच सचिव एवं अन्य दबंगों द्वारा 99 एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के गंभीर आरोप हैं। उक्त मामले में नायब तहसीलदार पुसौर ने प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। आवेदक रघुनाथ चौहान पिता फकीरचंद चौहान निवासी सराईपाली द्वारा 31 दिसंबर 2024 को भू राजस्व संहिता धारा 248 के अंतर्गत दिए गए आवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। भू राजस्व संहिता धारा 248 के अंतर्गत दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि पुसौर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा के सरपंच और सराईपाली के पंचों सहित कुछ दबंग व्यक्तियों ने शासकीय मद में दर्ज विभिन्न खसरा नंबरों (200-1, 213-1, 213-3, 275-1, 279-1, 290, 399-2, 231-1, और 11-1) की लगभग 99 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। यह भूमि तालाब, गौचर और सरकारी उपयोग के लिए आरक्षित है। आवेदन में मांग की गई है कि अतिक्रमण हटाकर शासकीय भूमि को सुरक्षित किया जाए। साथ ही, दबंगों द्वारा किए गए अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की जाए ताकि शासकीय उपयोग की जमीन वापस मिल सके। अतिक्रमण के इस गंभीर मामले को राजस्व विभाग पुसौर के द्वारा संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार ने प्रकरण दर्ज कर नोटिस जारी कर आरआई और पटवारी को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। शिकायत में लगाए गए गंभीर आरोप सरपंच हीरधर साहू ने शासकीय भूमि पर स्थित तालाब (ख.नं. 200-1) को पाटकर वहां मकान, होटल और बाड़ी बना लिया है, इसी तरह पंच नलिनी पाव, नर्मदा पटेल, और कमल प्रसाद प्रधान ने सरकारी स्कूल और शासकीय भूमि पर मकान व बाड़ी बना रखी है तथा छाया बाई चौहान, मदन चौहान, और दसरथ प्रधान ने खेती और निजी निर्माण कार्यों के लिए शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है। सफेद गुप्ता ने गौचर भूमि पर अवैध रूप से खेती शुरू कर दी है, जिससे ग्राम में गौचर भूमि समाप्त हो गई है। आवेदक ने समस्त शासकीय भूमि का नक्शा, खसरा नंबर व अन्य दस्तावेज आवेदन में संलग्न कर अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की है। नायब तहसीलदार पुसौर ने 13 जनवरी को प्रकरण दर्ज करते हुए आदेश जारी किए हैं कि सभी अनावेदकों के खिलाफ काम रोको आदेश जारी किया गया है। हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक को मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण करने और पी-23 रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। बहरहाल इस मामले में प्रशासन की सक्रियता से ग्रामीणों में उम्मीद जगी है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे को हटाकर उसे सार्वजनिक उपयोग के लिए पुन: सुरक्षित किया जाएगा। वहीं, इस कार्रवाई ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है और सभी की नजरें अब तहसील प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।