इंतजार खत्म… इंडियन नेवी को मिली ‘हंटर-किलर’, आईएनएस वाघशीर से दुश्मन का हर जगह पलक झपकते ही होगा खत्मा.
INS Vaghsheer

INS Vaghsheer: मेक इन इंडिया (Make In India) पहल के तहत भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए तैयार की गई हंटर-किलर पनडुब्बी (Submarine) आईएनएस वाघशीर इंडियन नेवी को सौंप दिया गया है। विगत बुधवार को इसे इंडियन नेवी को सौंपा गया। भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई हंटर-किलर पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर का पिछले साल 18 मई से समुद्री परीक्षण चल रहा था। वाघशीर को 20 अप्रैल 2022 को लॉन्च किया गया था।
यह पनडुब्बी दुश्मन पर एक भयावह हमला करने की क्षमता रखती है। हमला पानी के नीचे या सतह पर, एंटी-शिप मिसाइलों के साथ किया जा सकता है। वाघशीर बहुआयामी तरह के मिशनों को कर सकती है. इसमें एंटी-सरफेस वारफेयर, एंटी-सबमरीन वारफेयर, खुफिया जानकारी जुटाना, एरिया सर्विलांस आदि शामिल हैं।
अत्याधुनिक विशेषताओं में उन्नत ध्वनिक मौन तकनीक, कम विकिरणित शोर स्तर, हाइड्रो-डायनामिक रूप से अनुकूलित आकार और सटीक निर्देशित हथियारों का उपयोग करके इसमें दुश्मन पर हमला करने की क्षमता जैसी बेहतरीन स्टील्थ विशेषताएं शामिल हैं। इस शक्तिशाली प्लेटफॉर्म की स्टील्थ को बढ़ाने के लिए, ध्वनिक, ऑप्टिकल, इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक और इंफ्रारेड सिग्नेचर को कम करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
वाघशीर एक डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन
वाघशीर एक डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। इसमें आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग सिस्टम है। इसके साथ ही यह कई तरह की अत्याधुनिक हथियार प्रणाली से लैस है। स्वीकृति दस्तावेज पर गुरुवार को एमडीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव सिंघल और रियर एडमिरल आर अधी श्रीनिवासन, मुख्य स्टाफ अधिकारी (तकनीकी), पश्चिमी नौसेना कमान द्वारा हस्ताक्षर किए गए।प्रोजेक्ट-75 के तहत बनी है पनडुब्बी
ये स्टील्थ विशेषताएं इसे एक ऐसी अभेद्यता प्रदान करती हैं, जो दुनिया की अधिकांश पनडुब्बियों से बेजोड़ है। कलवारी क्लास की यह पनडुब्बी प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई गई है। ये इस क्लास की छठी सबमरीन है। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने भारतीय नौसेना को यह स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वाघशीर’ सौंपी है।