पत्रकार हत्याकांड: मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर अरेस्ट, हैदराबाद में ड्राइवर के ठिकाने पर छिपा था.
Journalist murder case

बीजापुर के खोजी पत्रकार मुकेश चंद्राकर को जघन्य मौत देने वाले ठेकेदार भाइयों व सुपरवाइजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।वहीं, अब बीजापुर पुलिस ने मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है. हैदराबाद/बीजापुर, 6 जनवरी 2025। छत्तीसगढ़ के बीजापुर के खोजी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को कल देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बीजापुर की साइबर पुलिस और एसआईटी की टीम ने सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से अरेस्ट किया है. एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए लगभग 300 मोबाइल के कॉल डिटैल्स और 200 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए. फिर पता चला कि वह हैदराबाद में छिपा है. इसके बाद बीजापुर और एसआईटी की एक टीम हैदराबाद पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. भ्रष्टाचार को उजागर करना पड़ा भारी पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर में एक सड़क निर्माण में करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुलासा किया था. इस सड़क के निर्माण का ठेका सुरेश चंद्राकर ने लिया था. मुकेश चंद्राकर ने सड़क निर्माण और उसके टेंडर की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. बताते हैं कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से सांठगांठ कर 50 करोड़ की सड़क को कई बार रिवाइज कराकर लागत को 120 करोड़ तक ले गया और 90% भुगतान भी प्राप्त कर लिया था जबकि सड़क 40% बन पाई है. इसी बीच, 1 जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई. वारदात को अंजाम सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके ने दिया. पत्रकार की डेड बॉडी पुलिस को तीन दिन बाद सेप्टिक टैंक में मिली थी. दो आरोपी पहले से अरेस्टnbsp पुलिस ने पहले ही रितेश चंद्राकर, सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके और सबूत से छेड़छाड़ करने के मामले में दिनेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, अब बीजापुर पुलिस ने आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर हैदराबाद में अपने ड्राइवर के ठिकाने पर छुपा हुआ था. पुलिस ने मुख्य आरोपी तक पहुंचने के लिए 200 सीसीटीवी कैमरे खंगाले और तकरीबन 300 मोबाइल नंबर को ट्रेस किया, तब जाकर मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार किया जा सका. छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक पत्रकारों के प्रदर्शन के बाद सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। खोजी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या की खबर लगते ही बीजापुर से लेकर जगदलपुर, रायपुर, बिलासपुर और पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया। पत्रकारों से मिलने से इनकार करने पर राज्यपाल के सचिव के खिलाफ पत्रकारों ने राजभवन के सामने भी धरना दिया। दिल्ली में भी पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। पत्रकार मर्डर केस में पुलिस ने सुरेश चंद्राकर को ही मुख्य आरोपी बनाया है. 11 सदस्यों की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है. वहीं, इस मामले में पुलिस ने सुरेश के बैंक खातों को सीज कर दिया था. वीभत्स तरीके से पत्रकार की गई हत्या पुलिस के मुताबिक, एक जनवरी को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने पत्रकार को कॉल कर अपने ठिकाने पर बुलाया था. मुकेश चंद्राकर जब उनके बताए जगह पर पहुंचा तो सुपरवाइजर महेंद्र और भाई रितेश ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार के पांच पसलियां टूटी हुई थी, लिवर के चार टुकड़े हो गए थे, गला भी टूटा हुआ था, सिर पर भी 15 कट था। पत्रकार को खाना खिलाकर बहुत वीभत्स ढ़ंग से मौत के घाट उतारा गया। वहीं जिगरी दोस्त रितेश चंद्राकर ने ही इस घटना को अंजाम दिया है।