कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हारे प्रत्याशियों ने भीतरघातियों का खुलकर लिया नाम
कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हारे प्रत्याशियों ने भीतरघातियों का खुलकर लिया नाम
गिरीश-बृजेश की मौजूदगी में दोषियों पर कार्रवाई की मांग, कई नेता निशाने पर
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 फरवरी। नगरीय निकाय चुनाव में बुरी हार झेलने के बाद कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हारे हुए महापौर प्रत्याशी से लेकर पार्षद पद के उम्मीदवारों ने भीतरघातियों का नाम सार्वजनिक किया। कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन व जिला संगठन प्रभारी बृजेश शर्मा के समक्ष कई नेताओं का नाम गिनाया गया। उनके खिलाफ फौरन कार्रवाई करने के लिए नारेबाजी भी की गई।
स्थानीय सतनाम भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में पराजित कांग्रेसियों ने कहा कि अपनों की वजह से हार मिली। इस बार कांग्रेस को जीत की उम्मीद थी। हारे हुए प्रत्याशियों में एक वार्ड नं. 5 की सरोज यादव ने सीधे तौर पर पूर्व महापौर हेमा देशमुख और उसके सुपुत्र के खिलाफ भीतरघात करने का आरोप लगाया।
श्रीमती यादव के पति प्रदीप यादव ने बकायदा एक पोस्टर लगाकर पूर्व महापौर उनके पुत्र को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की। इसके जवाब में बैठक में मौजूद पूर्व महापौर श्रीमती देशमुख ने यादव पर भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन यादव के साथ कथित रूप से मिलीभगत का आरोप लगाया। इस तरह आरोप-प्रत्यारोप से बैठक हंगामेदार बन गई।
इसी तरह भाजपा के शैंकी बग्गा से शिकस्त खाए कुलबीर छाबड़ा ने एक कार्यकर्ता को खरी-खोटी सुनाते हुए बाहर जाने को कहा। वार्ड नं. 28 की पराजित प्रत्याशी मोहिनी सिंह ने सीधे-सीधे जीतू मुदलियार पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने आरोप में कहा कि शरद कुशवाहा को निर्दलीय होने के बावजूद मुदलियार ने समर्थन दिया। जिसके चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
वार्ड नं. 38 की कांग्रेस प्रत्याशी मधुबाला श्रीवास्तव ने पूर्व शहर अध्यक्ष दिनेश शर्मा का नाम लेकर आला नेताओं से सीधे कार्रवाई करने की मांग की। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों का सम्मान और समीक्षा बैठक करने के दौरान कई कांग्रेसी कार्यकर्ता अपना भड़ास निकालने के लिए अड़ गए।
कांग्रेस के कुछ पार्षद प्रत्याशियों पर यह भी आरोप लगा है कि प्रचार के दौरान महापौर प्रत्याशी निखिल द्विवेदी के लिए वोट मांगने में कंजूसी बरती गई। जीते हुए पार्षदों पर भी खुद के लिए वोट मांगने पर जोर देने की जानकारी भी बैठक में सामने आई। इस तरह महापौर प्रत्याशी निखिल द्विवेदी की जीत के लिए ईमानदारी से प्रचार नहीं किया गया। बैठक में शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश डाकलिया और प्रभारी बृजेश शर्मा के बीच भी बैठक के एजेंडा को लेकर जमकर बहस हो गई।
बैठक में 25 से 30 पार्षद प्रत्याशियों ने पार्टी के खिलाफ काम करने वालों की एक सूची लिखित तौर पर संगठन के नेताओं को सौंपी है। पार्टी के भीतर च्कमल छापज् विचारधारा से प्रभावित नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए आवाज उठाई गई है। कांग्रेस की बैठक शुरू से अंत तक हंगामे में घिरी रही।
माना जा रहा है कि बैठक की रिपोर्ट प्रदेश हाईकमान को जल्द प्रेषित की जाएगी। इसके बाद कुछ लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
गिरीश-बृजेश की मौजूदगी में दोषियों पर कार्रवाई की मांग, कई नेता निशाने पर
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 फरवरी। नगरीय निकाय चुनाव में बुरी हार झेलने के बाद कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हारे हुए महापौर प्रत्याशी से लेकर पार्षद पद के उम्मीदवारों ने भीतरघातियों का नाम सार्वजनिक किया। कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन व जिला संगठन प्रभारी बृजेश शर्मा के समक्ष कई नेताओं का नाम गिनाया गया। उनके खिलाफ फौरन कार्रवाई करने के लिए नारेबाजी भी की गई।
स्थानीय सतनाम भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में पराजित कांग्रेसियों ने कहा कि अपनों की वजह से हार मिली। इस बार कांग्रेस को जीत की उम्मीद थी। हारे हुए प्रत्याशियों में एक वार्ड नं. 5 की सरोज यादव ने सीधे तौर पर पूर्व महापौर हेमा देशमुख और उसके सुपुत्र के खिलाफ भीतरघात करने का आरोप लगाया।
श्रीमती यादव के पति प्रदीप यादव ने बकायदा एक पोस्टर लगाकर पूर्व महापौर उनके पुत्र को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की। इसके जवाब में बैठक में मौजूद पूर्व महापौर श्रीमती देशमुख ने यादव पर भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन यादव के साथ कथित रूप से मिलीभगत का आरोप लगाया। इस तरह आरोप-प्रत्यारोप से बैठक हंगामेदार बन गई।
इसी तरह भाजपा के शैंकी बग्गा से शिकस्त खाए कुलबीर छाबड़ा ने एक कार्यकर्ता को खरी-खोटी सुनाते हुए बाहर जाने को कहा। वार्ड नं. 28 की पराजित प्रत्याशी मोहिनी सिंह ने सीधे-सीधे जीतू मुदलियार पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने आरोप में कहा कि शरद कुशवाहा को निर्दलीय होने के बावजूद मुदलियार ने समर्थन दिया। जिसके चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
वार्ड नं. 38 की कांग्रेस प्रत्याशी मधुबाला श्रीवास्तव ने पूर्व शहर अध्यक्ष दिनेश शर्मा का नाम लेकर आला नेताओं से सीधे कार्रवाई करने की मांग की। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों का सम्मान और समीक्षा बैठक करने के दौरान कई कांग्रेसी कार्यकर्ता अपना भड़ास निकालने के लिए अड़ गए।
कांग्रेस के कुछ पार्षद प्रत्याशियों पर यह भी आरोप लगा है कि प्रचार के दौरान महापौर प्रत्याशी निखिल द्विवेदी के लिए वोट मांगने में कंजूसी बरती गई। जीते हुए पार्षदों पर भी खुद के लिए वोट मांगने पर जोर देने की जानकारी भी बैठक में सामने आई। इस तरह महापौर प्रत्याशी निखिल द्विवेदी की जीत के लिए ईमानदारी से प्रचार नहीं किया गया। बैठक में शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश डाकलिया और प्रभारी बृजेश शर्मा के बीच भी बैठक के एजेंडा को लेकर जमकर बहस हो गई।
बैठक में 25 से 30 पार्षद प्रत्याशियों ने पार्टी के खिलाफ काम करने वालों की एक सूची लिखित तौर पर संगठन के नेताओं को सौंपी है। पार्टी के भीतर च्कमल छापज् विचारधारा से प्रभावित नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए आवाज उठाई गई है। कांग्रेस की बैठक शुरू से अंत तक हंगामे में घिरी रही।
माना जा रहा है कि बैठक की रिपोर्ट प्रदेश हाईकमान को जल्द प्रेषित की जाएगी। इसके बाद कुछ लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।