केंद्रीय बजट से EPS-95 पेंशनर्स को राहत नहीं:भारतीय मजदूर संघ ने वित्त मंत्री को सौंपा ज्ञापन, पेंशन 5000 रुपए करने की मांग
केंद्रीय बजट से EPS-95 पेंशनर्स को राहत नहीं:भारतीय मजदूर संघ ने वित्त मंत्री को सौंपा ज्ञापन, पेंशन 5000 रुपए करने की मांग
नीमच में मंगलवार दोपहर 3 बजे भारतीय मजदूर संघ ने कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया। संगठन के कर्मचारियों और मजदूर नेताओं ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम 6 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। भारतीय मजदूर संघ ने राष्ट्रीय संगठन के आह्वान पर जिला स्तर पर यह ज्ञापन दिया। संगठन ने कहा कि केंद्रीय बजट में EPS-95 के 75 लाख से अधिक पेंशनर्स को कोई राहत नहीं मिली है। वर्तमान महंगाई में 1000 रुपए की पेंशन से जीवन यापन संभव नहीं है। इसलिए पेंशन को बढ़ाकर 5000 रुपए करने की मांग की गई है। संगठन ने आंगनवाड़ी, आशा और मिड डे मील कार्यकर्ताओं के लिए उचित नीति बनाने की मांग की। साथ ही बीड़ी, प्लांटेशन, चाय बागान, कृषि और खनन मजदूरों के लिए भी नीतियां बनाने की मांग की गई है। ज्ञापन में एसेट मोनेटाइजेशन योजना का विरोध किया गया। सरकार ने 2030 तक इस योजना से 10 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। संगठन ने जीवन बीमा निगम में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति पर भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इससे सार्वजनिक संपत्ति की बिक्री का रास्ता खुल जाएगा।
नीमच में मंगलवार दोपहर 3 बजे भारतीय मजदूर संघ ने कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया। संगठन के कर्मचारियों और मजदूर नेताओं ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम 6 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। भारतीय मजदूर संघ ने राष्ट्रीय संगठन के आह्वान पर जिला स्तर पर यह ज्ञापन दिया। संगठन ने कहा कि केंद्रीय बजट में EPS-95 के 75 लाख से अधिक पेंशनर्स को कोई राहत नहीं मिली है। वर्तमान महंगाई में 1000 रुपए की पेंशन से जीवन यापन संभव नहीं है। इसलिए पेंशन को बढ़ाकर 5000 रुपए करने की मांग की गई है। संगठन ने आंगनवाड़ी, आशा और मिड डे मील कार्यकर्ताओं के लिए उचित नीति बनाने की मांग की। साथ ही बीड़ी, प्लांटेशन, चाय बागान, कृषि और खनन मजदूरों के लिए भी नीतियां बनाने की मांग की गई है। ज्ञापन में एसेट मोनेटाइजेशन योजना का विरोध किया गया। सरकार ने 2030 तक इस योजना से 10 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। संगठन ने जीवन बीमा निगम में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति पर भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इससे सार्वजनिक संपत्ति की बिक्री का रास्ता खुल जाएगा।