बाल भवन स्कूल के वार्षिक उत्सव का शानदार समापन:छात्रों ने बिखेरे संस्कृति और कला के रंग

भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित बाल भवन स्कूल का दो दिवसीय वार्षिक उत्सव समारोह आज भव्यता के साथ स्थानीय रविंद्र भवन में सम्पन्न हुआ। उत्सव के अंतिम दिन मुख्य अतिथि डॉ. लता मुंशी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा उत्सव में आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह देखकर मन गर्वित होता है कि शिक्षा के साथ-साथ विद्यालय बच्चों में संस्कार, कला और संस्कृति के प्रति जागरूकता का बीजारोपण कर रहा है। इस मंच पर बच्चों की प्रस्तुतियां उनकी मेहनत और रचनात्मकता का अद्भुत उदाहरण हैं। बाल भवन अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है और इन 50 वर्षों की यात्रा में जिस तरह इस विद्यालय ने नई ऊंचाइयों को छुआ है, वह प्रशंसनीय है। यहां का हर विद्यार्थी अपने हुनर और व्यक्तित्व से न केवल इस विद्यालय का, बल्कि अपने समाज और देश का भी नाम रोशन कर रहा है। मैं स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों को इस अद्भुत प्रयास के लिए बधाई देती हूं। आशा है कि बाल भवन भविष्य में भी इसी तरह शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करता रहेगा।" संस्था सचिव उमर फारुख अली का संदेश उमर फारुख अली ने कहा"बाल भवन स्कूल की यह स्वर्ण जयंती केवल एक उत्सव नहीं है, यह हमारे स्कूल के उन 50 वर्षों के समर्पण, मेहनत और उपलब्धियों का प्रतीक है। यहां बच्चों को न केवल शिक्षा दी जाती है, बल्कि उनमें नेतृत्व, नैतिकता और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित की जाती है। इस मंच पर बच्चों की प्रस्तुतियां यह साबित करती हैं कि हमारा भविष्य सुनहरा और सशक्त है।" कार्यक्रम की मुख्य झलकियां उत्सव के अंतिम दिन विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति, विविधता और कला का अनूठा प्रदर्शन किया। कक्षा नर्सरी से कक्षा पांचवीं तक के बच्चों ने विभिन्न राज्यों के पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। "हैरी पॉटर की विश्व यात्रा" पर निकले थे, जिसके अंतर्गत बच्चों ने दिखाया कि हैरी पॉटर भारत पहुंचकर बाल भवन की 50वीं वर्षगांठ में भाग लेता है। इसके अंतर्गत विश्व के प्रमुख नृत्यों का समावेश करते हुए पाश्चात्य संगीत और भारतीय सांस्कृतिक धुनों की जुगलबंदी ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। इसके अतिरिक्त हिंदी नाटक "राजा का रहस्य" और अंग्रेजी नाटक "The Blue Umbrella" ने दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ी। इन प्रस्तुतियों ने न केवल बच्चों के अभिनय कौशल को उजागर किया, बल्कि कला और साहित्य के प्रति उनकी समझ को भी प्रदर्शित किया। उप प्राचार्या अनुभा मिश्रा का संबोधन स्कूल की उप प्राचार्या अनुभा मिश्रा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा: "यह वर्ष बाल भवन स्कूल के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि हमने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई है। 50 वर्षों की इस यात्रा में बाल भवन ने शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। हमारे विद्यार्थी आज देश और विदेश में अपनी योग्यता और प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। यह उत्सव केवल बच्चों के प्रयासों का नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के योगदान का प्रतीक है, जिसने इस स्कूल को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। मुझे गर्व है कि मैं इस संस्था का हिस्सा हूं।" कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के समापन पर कोआर्डिनेटर समीरा सिद्दीकी ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उत्सव बच्चों की कड़ी मेहनत, शिक्षकों के मार्गदर्शन और अभिभावकों के सहयोग का परिणाम है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे बाल भवन के प्रयासों में इसी तरह सहयोग बनाए रखें। इस अवसर पर संस्था की कोऑर्डिनेटर फिज़ा कलीम, नेहा अजमेरा सहित वरिष्ठ शिक्षकगण, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ! दो दिवसीय यह वार्षिक उत्सव बच्चों की कला, संस्कृति और रचनात्मकता का अद्भुत संगम था। बाल भवन स्कूल की स्वर्ण जयंती ने इस अवसर को और भी खास बना दिया, जो सभी उपस्थित लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ।

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भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित बाल भवन स्कूल का दो दिवसीय वार्षिक उत्सव समारोह आज भव्यता के साथ स्थानीय रविंद्र भवन में सम्पन्न हुआ। उत्सव के अंतिम दिन मुख्य अतिथि डॉ. लता मुंशी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा उत्सव में आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह देखकर मन गर्वित होता है कि शिक्षा के साथ-साथ विद्यालय बच्चों में संस्कार, कला और संस्कृति के प्रति जागरूकता का बीजारोपण कर रहा है। इस मंच पर बच्चों की प्रस्तुतियां उनकी मेहनत और रचनात्मकता का अद्भुत उदाहरण हैं। बाल भवन अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है और इन 50 वर्षों की यात्रा में जिस तरह इस विद्यालय ने नई ऊंचाइयों को छुआ है, वह प्रशंसनीय है। यहां का हर विद्यार्थी अपने हुनर और व्यक्तित्व से न केवल इस विद्यालय का, बल्कि अपने समाज और देश का भी नाम रोशन कर रहा है। मैं स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों को इस अद्भुत प्रयास के लिए बधाई देती हूं। आशा है कि बाल भवन भविष्य में भी इसी तरह शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करता रहेगा।" संस्था सचिव उमर फारुख अली का संदेश उमर फारुख अली ने कहा"बाल भवन स्कूल की यह स्वर्ण जयंती केवल एक उत्सव नहीं है, यह हमारे स्कूल के उन 50 वर्षों के समर्पण, मेहनत और उपलब्धियों का प्रतीक है। यहां बच्चों को न केवल शिक्षा दी जाती है, बल्कि उनमें नेतृत्व, नैतिकता और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित की जाती है। इस मंच पर बच्चों की प्रस्तुतियां यह साबित करती हैं कि हमारा भविष्य सुनहरा और सशक्त है।" कार्यक्रम की मुख्य झलकियां उत्सव के अंतिम दिन विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति, विविधता और कला का अनूठा प्रदर्शन किया। कक्षा नर्सरी से कक्षा पांचवीं तक के बच्चों ने विभिन्न राज्यों के पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। "हैरी पॉटर की विश्व यात्रा" पर निकले थे, जिसके अंतर्गत बच्चों ने दिखाया कि हैरी पॉटर भारत पहुंचकर बाल भवन की 50वीं वर्षगांठ में भाग लेता है। इसके अंतर्गत विश्व के प्रमुख नृत्यों का समावेश करते हुए पाश्चात्य संगीत और भारतीय सांस्कृतिक धुनों की जुगलबंदी ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। इसके अतिरिक्त हिंदी नाटक "राजा का रहस्य" और अंग्रेजी नाटक "The Blue Umbrella" ने दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ी। इन प्रस्तुतियों ने न केवल बच्चों के अभिनय कौशल को उजागर किया, बल्कि कला और साहित्य के प्रति उनकी समझ को भी प्रदर्शित किया। उप प्राचार्या अनुभा मिश्रा का संबोधन स्कूल की उप प्राचार्या अनुभा मिश्रा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा: "यह वर्ष बाल भवन स्कूल के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि हमने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई है। 50 वर्षों की इस यात्रा में बाल भवन ने शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। हमारे विद्यार्थी आज देश और विदेश में अपनी योग्यता और प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। यह उत्सव केवल बच्चों के प्रयासों का नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के योगदान का प्रतीक है, जिसने इस स्कूल को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। मुझे गर्व है कि मैं इस संस्था का हिस्सा हूं।" कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के समापन पर कोआर्डिनेटर समीरा सिद्दीकी ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उत्सव बच्चों की कड़ी मेहनत, शिक्षकों के मार्गदर्शन और अभिभावकों के सहयोग का परिणाम है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे बाल भवन के प्रयासों में इसी तरह सहयोग बनाए रखें। इस अवसर पर संस्था की कोऑर्डिनेटर फिज़ा कलीम, नेहा अजमेरा सहित वरिष्ठ शिक्षकगण, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ! दो दिवसीय यह वार्षिक उत्सव बच्चों की कला, संस्कृति और रचनात्मकता का अद्भुत संगम था। बाल भवन स्कूल की स्वर्ण जयंती ने इस अवसर को और भी खास बना दिया, जो सभी उपस्थित लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ।