शास. डॉक्टरों की आयुष्मान अस्पतालों में सेवाओं पर प्रतिबंध पर बिफरा आईएमए
शास. डॉक्टरों की आयुष्मान अस्पतालों में सेवाओं पर प्रतिबंध पर बिफरा आईएमए
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 26 अक्टूबर। शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की एक आपात बैठक हुई।
मौजूद सदस्यों और आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं दे रहे शासकीय सेवा डॉक्टरों के बीच वर्तमान स्थिति को लेकर चर्चा हुई।एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग,संचालक और आयुष्मान संचालित करने वाली राज्य नोडल एजेंसी के विभिन्न परिपत्रों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विचार विमर्श में उभर कर आए बिंदुओं को पत्र के माध्यम से सीएम विष्णु देव साय, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, एसीएस मनोज पिंगुआ एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाओं को भेजने पर भी सहमति बनी। आईएमए ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों के मरीजों को सेवाओं के लिए गुणात्मक परिवर्तन के लिए स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सा संगठनों से लगातार परामर्श और सुझाव लेने की जरूरत है।
इस एक तरफा प्रताडऩा की कार्रवाई से आपसी अविश्वास की गहराई बढ़ेगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर ने अपील की है कि, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के नर्सिंग होम संचालकों पर एक तरफा दबाव की नीति ना अपनाई जाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री से समय लेकर उन्हें वस्तु स्थिति से परिचित कराया जाएगा।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 26 अक्टूबर। शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की एक आपात बैठक हुई।
मौजूद सदस्यों और आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं दे रहे शासकीय सेवा डॉक्टरों के बीच वर्तमान स्थिति को लेकर चर्चा हुई।एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग,संचालक और आयुष्मान संचालित करने वाली राज्य नोडल एजेंसी के विभिन्न परिपत्रों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विचार विमर्श में उभर कर आए बिंदुओं को पत्र के माध्यम से सीएम विष्णु देव साय, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, एसीएस मनोज पिंगुआ एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाओं को भेजने पर भी सहमति बनी। आईएमए ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों के मरीजों को सेवाओं के लिए गुणात्मक परिवर्तन के लिए स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सा संगठनों से लगातार परामर्श और सुझाव लेने की जरूरत है।
इस एक तरफा प्रताडऩा की कार्रवाई से आपसी अविश्वास की गहराई बढ़ेगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर ने अपील की है कि, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के नर्सिंग होम संचालकों पर एक तरफा दबाव की नीति ना अपनाई जाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री से समय लेकर उन्हें वस्तु स्थिति से परिचित कराया जाएगा।