कान्हा टाइगर रिजर्व में मिला बाघिन का शव:13 साल की टी-58 की आपसी संघर्ष में मौत, चोट के निशान मिले
कान्हा टाइगर रिजर्व में मिला बाघिन का शव:13 साल की टी-58 की आपसी संघर्ष में मौत, चोट के निशान मिले
मंडला जिले स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व में एक बाघिन की मौत हो गई है। किसली जोन के चिमटा कैंप के राजा कछार क्षेत्र में बाघिन का शव मिला। मृत बाघिन की पहचान टी-58 (जिला लाइन फीमेल) के रूप में हुई है। बाघिन की उम्र लगभग 13 वर्ष थी। मंगलवार को गिद्ध गणना के दौरान टीम को बाघिन का शव मिला। शव तीन से चार दिन पुराना था। बाघिन के शरीर पर मिले चोट के निशानों से प्राथमिक जांच में बाघों के बीच आपसी संघर्ष को मौत का कारण माना जा रहा है। शव में बाघिन के सभी अंग मौजूद थे। बाघिन को जिला लाइन फीमेल का नाम इसलिए मिला था क्योंकि वह पहली बार मंडला-बालाघाट जिले की सीमा क्षेत्र में देखी गई थी। पार्क प्रबंधन ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई की। पोस्टमार्टम और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बाघिन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मंडला जिले स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व में एक बाघिन की मौत हो गई है। किसली जोन के चिमटा कैंप के राजा कछार क्षेत्र में बाघिन का शव मिला। मृत बाघिन की पहचान टी-58 (जिला लाइन फीमेल) के रूप में हुई है। बाघिन की उम्र लगभग 13 वर्ष थी। मंगलवार को गिद्ध गणना के दौरान टीम को बाघिन का शव मिला। शव तीन से चार दिन पुराना था। बाघिन के शरीर पर मिले चोट के निशानों से प्राथमिक जांच में बाघों के बीच आपसी संघर्ष को मौत का कारण माना जा रहा है। शव में बाघिन के सभी अंग मौजूद थे। बाघिन को जिला लाइन फीमेल का नाम इसलिए मिला था क्योंकि वह पहली बार मंडला-बालाघाट जिले की सीमा क्षेत्र में देखी गई थी। पार्क प्रबंधन ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई की। पोस्टमार्टम और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बाघिन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।