4665 पेसा मोबिलाइजर्स का मानदेय डबल:सीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी, पेसा एक्ट के क्रियान्वयन में तेजी लाएंगे मोबिलाइजर्स
दो साल पहले एमपी में लागू किए गए पेसा एक्ट के लिए मोबिलाइजर का काम करने वाले 4665 लोगों को अब डबल मानदेय मिलेगा। केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद राज्य सरकार ने यह राशि दिए जाने की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद X पर पोस्ट कर मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपए महीना किए जाने की जानकारी दी। पेसा मोबिलाइजर्स पिछले आठ महीने से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। सीएम मोहन यादव ने गुरुवार को X पर पोस्ट की... केंद्र 60, राज्य 40 प्रतिशत राशि खर्च करेगी पेसा एक्ट में किए गए प्रावधान के आधार पर जो मानदेय बढ़ाया गया है, उसका 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी। 40 प्रतिशत राशि खर्च राज्य सरकार उठाएगी। पेसा एक्ट का क्रियान्वयन एमपी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में शुरू हुआ था और इसे लागू करने के बाद आदिवासी बहुल इलाकों में सरकार ने कई विभागों से संबंधित कामों की जिम्मेदारी ग्राम सभा के माध्यम से पूरा कराना तय किया है। क्या करते हैं पेसा मोबिलाइजर्स पेसा एक्ट के अंतर्गत आदिवासी ब्लॉकों की हर ग्राम पंचायत में पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति की जाती है। पेसा एक्ट 1996 के अंतर्गत ग्राम सभाओं को आंतरिक या बाहरी संघर्षों से सुरक्षा मिलती है। पेसा मोबिलाइजर्स की जिम्मेदारी जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मजबूत बनाने में मदद करना, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाना, मुख्यमंत्री के संदेश को गांवों तक पहुंचाना, पेसा एक्ट के अंतर्गत काम करना, गांवों में छोटे-मोटे विवादों को सुलझाने में मदद करना, ग्राम सभाओं का आयोजन कराना, ग्राम सभा के अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। 89 विकासखंड की 5254 पंचायतों में लागू है पेसा एक्ट मध्य प्रदेश में पेसा एक्ट 15 नवम्बर 2022 को लागू किया गया था। प्रदेश के 20 जिलों के 89 विकास खंडों की 5254 पंचायतों के 11757 गांवों में पेसा एक्ट लागू है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में शहडोल से पेसा एक्ट लागू करने का ऐलान किया था।

दो साल पहले एमपी में लागू किए गए पेसा एक्ट के लिए मोबिलाइजर का काम करने वाले 4665 लोगों को अब डबल मानदेय मिलेगा। केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद राज्य सरकार ने यह राशि दिए जाने की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद X पर पोस्ट कर मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपए महीना किए जाने की जानकारी दी। पेसा मोबिलाइजर्स पिछले आठ महीने से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। सीएम मोहन यादव ने गुरुवार को X पर पोस्ट की... केंद्र 60, राज्य 40 प्रतिशत राशि खर्च करेगी पेसा एक्ट में किए गए प्रावधान के आधार पर जो मानदेय बढ़ाया गया है, उसका 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी। 40 प्रतिशत राशि खर्च राज्य सरकार उठाएगी। पेसा एक्ट का क्रियान्वयन एमपी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में शुरू हुआ था और इसे लागू करने के बाद आदिवासी बहुल इलाकों में सरकार ने कई विभागों से संबंधित कामों की जिम्मेदारी ग्राम सभा के माध्यम से पूरा कराना तय किया है। क्या करते हैं पेसा मोबिलाइजर्स पेसा एक्ट के अंतर्गत आदिवासी ब्लॉकों की हर ग्राम पंचायत में पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति की जाती है। पेसा एक्ट 1996 के अंतर्गत ग्राम सभाओं को आंतरिक या बाहरी संघर्षों से सुरक्षा मिलती है। पेसा मोबिलाइजर्स की जिम्मेदारी जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मजबूत बनाने में मदद करना, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाना, मुख्यमंत्री के संदेश को गांवों तक पहुंचाना, पेसा एक्ट के अंतर्गत काम करना, गांवों में छोटे-मोटे विवादों को सुलझाने में मदद करना, ग्राम सभाओं का आयोजन कराना, ग्राम सभा के अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। 89 विकासखंड की 5254 पंचायतों में लागू है पेसा एक्ट मध्य प्रदेश में पेसा एक्ट 15 नवम्बर 2022 को लागू किया गया था। प्रदेश के 20 जिलों के 89 विकास खंडों की 5254 पंचायतों के 11757 गांवों में पेसा एक्ट लागू है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में शहडोल से पेसा एक्ट लागू करने का ऐलान किया था।