कवि सुरेश सोनपुरे बिहार साहित्य महोत्सव में सम्मानित:पटना में आयोजित कार्यक्रम में 200 से अधिक साहित्यकारों ने लिया हिस्सा
कवि सुरेश सोनपुरे बिहार साहित्य महोत्सव में सम्मानित:पटना में आयोजित कार्यक्रम में 200 से अधिक साहित्यकारों ने लिया हिस्सा
पटना में आयोजित दो दिवसीय बिहार साहित्य महोत्सव में देश भर से 200 से अधिक साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। बाबू जगजीवन राम राजनीतिक अध्ययन एवं शोध संस्थान की सभा में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य संग्रहालय के एडिशनल डायरेक्टर अशोक कुमार सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में भोपाल से आए कवि सुरेश सोनपुरे 'अजनबी' को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। सोनपुरे बीएचईएल भोपाल के सेवानिवृत्त प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी हैं। उन्होंने तकनीकी क्षेत्रों में भाषा की उपयोगिता और महत्व पर अपने विचार रखे। महोत्सव में कई विशेष सत्र आयोजित किए गए। इनमें भोजपुरी, मगही, अंगिका, मैथिली, बज्जिका और अवधी भाषाओं में रचनाएं प्रस्तुत की गईं। मुख्य अतिथि अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि भाषा संवाद का माध्यम होने के साथ राष्ट्र की अस्मिता भी है। वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने साहित्यकारों से क्षेत्रीय भाषाओं में अधिक लेखन का आह्वान किया। पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ साहित्यकार ऊषा सिन्हा ने साहित्य के राष्ट्र निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मधुरेश, प्रदीप कुमार, ब्रजमोहन सिन्हा, कुमुद साहा, करुणा सिंह कल्पना समेत कई साहित्यकारों की रचनाओं को सराहा गया। आयोजक कमल किशोर वर्मा, नसीम अख्तर और सीमा रानी ने अतिथियों का सम्मान किया।
पटना में आयोजित दो दिवसीय बिहार साहित्य महोत्सव में देश भर से 200 से अधिक साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। बाबू जगजीवन राम राजनीतिक अध्ययन एवं शोध संस्थान की सभा में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य संग्रहालय के एडिशनल डायरेक्टर अशोक कुमार सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में भोपाल से आए कवि सुरेश सोनपुरे 'अजनबी' को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। सोनपुरे बीएचईएल भोपाल के सेवानिवृत्त प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी हैं। उन्होंने तकनीकी क्षेत्रों में भाषा की उपयोगिता और महत्व पर अपने विचार रखे। महोत्सव में कई विशेष सत्र आयोजित किए गए। इनमें भोजपुरी, मगही, अंगिका, मैथिली, बज्जिका और अवधी भाषाओं में रचनाएं प्रस्तुत की गईं। मुख्य अतिथि अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि भाषा संवाद का माध्यम होने के साथ राष्ट्र की अस्मिता भी है। वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने साहित्यकारों से क्षेत्रीय भाषाओं में अधिक लेखन का आह्वान किया। पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ साहित्यकार ऊषा सिन्हा ने साहित्य के राष्ट्र निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मधुरेश, प्रदीप कुमार, ब्रजमोहन सिन्हा, कुमुद साहा, करुणा सिंह कल्पना समेत कई साहित्यकारों की रचनाओं को सराहा गया। आयोजक कमल किशोर वर्मा, नसीम अख्तर और सीमा रानी ने अतिथियों का सम्मान किया।