माता जी का चातुर्मास का निष्ठापन संपन्न:बीसपंथी मंदिर पर चातुर्मास कलश प्रदान किए
माता जी का चातुर्मास का निष्ठापन संपन्न:बीसपंथी मंदिर पर चातुर्मास कलश प्रदान किए
बीसपंथी मंदिर मल्हारगंज में चातुर्मास साधना कर रही आर्यिका सुनयमती माताजी ने अपनी गहन साधना द्वारा अभिमंत्रित चातुर्मास कलश पुण्यार्जक परिवारों को मंदिर व्यवस्था पर कमेटी व भक्तों के मध्य प्रदान किया। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि माताजी ने रविवार को मनोरमादेवी बसंतजी पांड्या परिवार को अपने कर कमलों से चातुर्मास कलश प्रदान कर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर समाजसेवी नरेश सेठी, अजयपाल टोंग्या, धर्मेंद्र पाटनी, भरत काला, अजय रावका, पवन बेन सहित अनेक समाजजन उपस्थित थे । चातुर्मास समिति के वरिष्ठ मनमोहन झांझरी ने बताया माताजी ने कलश के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा चातुर्मास कलश हमारे मन में आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने और आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त करने का प्रतीक है। यह कलश समर्पण, संयम और साधना का प्रतीक है, जो साधक को आंतरिक शांति और परमात्मा के निकटता की अनुभूति कराता है। यह हमारे धर्म की शक्ति है, जो हमें नकारात्मकता से मुक्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
बीसपंथी मंदिर मल्हारगंज में चातुर्मास साधना कर रही आर्यिका सुनयमती माताजी ने अपनी गहन साधना द्वारा अभिमंत्रित चातुर्मास कलश पुण्यार्जक परिवारों को मंदिर व्यवस्था पर कमेटी व भक्तों के मध्य प्रदान किया। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि माताजी ने रविवार को मनोरमादेवी बसंतजी पांड्या परिवार को अपने कर कमलों से चातुर्मास कलश प्रदान कर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर समाजसेवी नरेश सेठी, अजयपाल टोंग्या, धर्मेंद्र पाटनी, भरत काला, अजय रावका, पवन बेन सहित अनेक समाजजन उपस्थित थे । चातुर्मास समिति के वरिष्ठ मनमोहन झांझरी ने बताया माताजी ने कलश के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा चातुर्मास कलश हमारे मन में आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने और आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त करने का प्रतीक है। यह कलश समर्पण, संयम और साधना का प्रतीक है, जो साधक को आंतरिक शांति और परमात्मा के निकटता की अनुभूति कराता है। यह हमारे धर्म की शक्ति है, जो हमें नकारात्मकता से मुक्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।