मांद में घुसकर जवानों ने ध्वस्त किया नक्सल स्मारक

छत्तीसगढ़ संवाददाता बीजापुर, 7 मार्च। जिले के अंदुरुनी क्षेत्र पुजारी कांकेर में जवानों ने नक्सलियों की मांद में घुसकर उनका एक विशालकाय नक्सल स्मारक को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक उसूर ब्लाक के अंदुरुनी क्षेत्र पुजारी कांकेर के जंगलों में घुसकर जवानों ने नक्सलियों के बड़े स्मारक को ध्वस्त कर दिया है। जवान जेसीबी लेकर स्मारक स्थल तक पहुंचे थे। ज्ञात हो कि, इसी इलाके में कुछ दिनों पहले जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 12 हार्डकोर नक्सली मारे गए थे। ज्ञात हो कि, यह इलाका छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर है। जवानों ने यहां हाल ही में फॉरवर्ड आपरेटिंग बेस कैंप स्थापित किया है। पिछले साल 90 फीट ऊंचे नक्सल स्मारक को किया था ध्वस्त वहीं दिसंबर 2024 में जवानों ने बड़े नक्सल नेता के 90 फीट ऊंचे स्मारक को ध्वस्त किया। बीते कुछ साल की बात करें तो बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में बनाए गए 300 से ज्यादा स्मारकों को तोड़ा जा चुका है। नक्सलियों द्वारा विशेष अवसरों पर अपने साथियों की याद में अपने आधार क्षेत्र के गांवों और जंगलों में स्मारक बनाया जाता रहा है। अब फोर्स उनके आधार इलाकों में घुसकर एक ओर जहां मुठभेड़ में नक्सलियों को मार रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी यादों को भी समाप्त कर रहे हैं। अब तक सैकड़ों नक्सल स्मारक को किया ध्वस्त जानकारी हो कि पिछले कुछ सालों में अब तक सैकड़ो छोटे बड़े नक्सल स्मारकों को जवानों ने ध्वस्त किया है। नक्सल कैलेंडर के मुताबिक नक्सली वर्ष में 6 बार विभिन्न आयोजन करते हैं, जिसमें मारे गए साथियों की याद में स्मारक बनाकर उन्हें याद किया जाता है। इस दौरान आस-पास के गावों के सैकड़ों ग्रामीणों को भी आमंत्रित किया जाता है और नक्सलियों की सीएनएन टीम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है। इसके पीछे नक्सलियों की मंशा यह होती है कि, इलाके के लोगों में संगठन की मजबूती को दिखाएं और नए युवाओं को प्रभावित कर संगठन में शामिल कर सकें।

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छत्तीसगढ़ संवाददाता बीजापुर, 7 मार्च। जिले के अंदुरुनी क्षेत्र पुजारी कांकेर में जवानों ने नक्सलियों की मांद में घुसकर उनका एक विशालकाय नक्सल स्मारक को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक उसूर ब्लाक के अंदुरुनी क्षेत्र पुजारी कांकेर के जंगलों में घुसकर जवानों ने नक्सलियों के बड़े स्मारक को ध्वस्त कर दिया है। जवान जेसीबी लेकर स्मारक स्थल तक पहुंचे थे। ज्ञात हो कि, इसी इलाके में कुछ दिनों पहले जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 12 हार्डकोर नक्सली मारे गए थे। ज्ञात हो कि, यह इलाका छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर है। जवानों ने यहां हाल ही में फॉरवर्ड आपरेटिंग बेस कैंप स्थापित किया है। पिछले साल 90 फीट ऊंचे नक्सल स्मारक को किया था ध्वस्त वहीं दिसंबर 2024 में जवानों ने बड़े नक्सल नेता के 90 फीट ऊंचे स्मारक को ध्वस्त किया। बीते कुछ साल की बात करें तो बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में बनाए गए 300 से ज्यादा स्मारकों को तोड़ा जा चुका है। नक्सलियों द्वारा विशेष अवसरों पर अपने साथियों की याद में अपने आधार क्षेत्र के गांवों और जंगलों में स्मारक बनाया जाता रहा है। अब फोर्स उनके आधार इलाकों में घुसकर एक ओर जहां मुठभेड़ में नक्सलियों को मार रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी यादों को भी समाप्त कर रहे हैं। अब तक सैकड़ों नक्सल स्मारक को किया ध्वस्त जानकारी हो कि पिछले कुछ सालों में अब तक सैकड़ो छोटे बड़े नक्सल स्मारकों को जवानों ने ध्वस्त किया है। नक्सल कैलेंडर के मुताबिक नक्सली वर्ष में 6 बार विभिन्न आयोजन करते हैं, जिसमें मारे गए साथियों की याद में स्मारक बनाकर उन्हें याद किया जाता है। इस दौरान आस-पास के गावों के सैकड़ों ग्रामीणों को भी आमंत्रित किया जाता है और नक्सलियों की सीएनएन टीम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है। इसके पीछे नक्सलियों की मंशा यह होती है कि, इलाके के लोगों में संगठन की मजबूती को दिखाएं और नए युवाओं को प्रभावित कर संगठन में शामिल कर सकें।