रोबोट्रेड ऐप से निवेशकों से 65 लाख की ठगी:पहले मुनाफा दिखाया, फिर बदला ऐप का नाम; बैतूल, छत्तीसगढ़ के तीन आरोपियों पर केस
रोबोट्रेड ऐप से निवेशकों से 65 लाख की ठगी:पहले मुनाफा दिखाया, फिर बदला ऐप का नाम; बैतूल, छत्तीसगढ़ के तीन आरोपियों पर केस
बैतूल पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी का मामला उजागर किया है। रोबोट्रेड नामक ट्रेडिंग एप्लिकेशन से 65 लाख 46 हजार रुपए की ठगी की है। पुलिस ने इस मामले में छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी ज्ञान प्रकाश साहू और देवकृष्ण साहू और बैतूल के बड़ोरा निवासी एक युवक के खिलाफ धारा 420 और 409 के तहत एफआईआर दर्ज की है। पहले मुनाफा दिखाया फिर बदला ऐप का नाम जांच में पता चला है कि आरोपियों ने निवेशकों को हर महीने निश्चित रिटर्न का लालच देकर रोबोट्रेड ऐप में पैसे लगाने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में निवेशकों को मुनाफा दिखाया गया। इसके बाद धोखाधड़ी की साजिश के तहत रोबोट्रेड का नाम बदलकर AIFX कर दिया गया। कुछ समय बाद यह प्लेटफॉर्म भी अचानक बंद कर दिया गया। आरोपियों ने निवेशकों को मेटा मास्क वॉलेट के जरिए डिजिटल टोकन देने का झांसा दिया, लेकिन जल्द ही इन टोकन की कीमत शून्य हो गई। बैतूल बाजार थाने के उप-निरीक्षक उत्तम मस्तकार मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है और अन्य पीड़ितों की भी तलाश की जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत ऑनलाइन ट्रेडिंग या संदिग्ध निवेश योजनाओं से सावधान रहें। अगर किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी इस तरह की धोखाधड़ी हुई है, तो वह नजदीकी थाने या पुलिस अधीक्षक कार्यालय में संपर्क कर सकता है।
बैतूल पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी का मामला उजागर किया है। रोबोट्रेड नामक ट्रेडिंग एप्लिकेशन से 65 लाख 46 हजार रुपए की ठगी की है। पुलिस ने इस मामले में छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी ज्ञान प्रकाश साहू और देवकृष्ण साहू और बैतूल के बड़ोरा निवासी एक युवक के खिलाफ धारा 420 और 409 के तहत एफआईआर दर्ज की है। पहले मुनाफा दिखाया फिर बदला ऐप का नाम जांच में पता चला है कि आरोपियों ने निवेशकों को हर महीने निश्चित रिटर्न का लालच देकर रोबोट्रेड ऐप में पैसे लगाने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में निवेशकों को मुनाफा दिखाया गया। इसके बाद धोखाधड़ी की साजिश के तहत रोबोट्रेड का नाम बदलकर AIFX कर दिया गया। कुछ समय बाद यह प्लेटफॉर्म भी अचानक बंद कर दिया गया। आरोपियों ने निवेशकों को मेटा मास्क वॉलेट के जरिए डिजिटल टोकन देने का झांसा दिया, लेकिन जल्द ही इन टोकन की कीमत शून्य हो गई। बैतूल बाजार थाने के उप-निरीक्षक उत्तम मस्तकार मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है और अन्य पीड़ितों की भी तलाश की जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत ऑनलाइन ट्रेडिंग या संदिग्ध निवेश योजनाओं से सावधान रहें। अगर किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी इस तरह की धोखाधड़ी हुई है, तो वह नजदीकी थाने या पुलिस अधीक्षक कार्यालय में संपर्क कर सकता है।