NMOPS के प्रांतीय संयोजक ने सांसद को सौंपा ज्ञापन:कहा-पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग प्रधानमंत्री के समक्ष रख दें और पूरी भी कराएं
NMOPS के प्रांतीय संयोजक ने सांसद को सौंपा ज्ञापन:कहा-पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग प्रधानमंत्री के समक्ष रख दें और पूरी भी कराएं
नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के चरणबद्ध आंदोलन के अंतर्गत संघ के पदाधिकारियों ने खंडवा-बुरहानपुर के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग प्रधानमंत्री के सामने रखने और इसे पूरा कराने का अनुरोध किया। इन कर्मचारियों का नेतृत्व संघ के प्रदेश संयोजक, मप्र कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष, मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह दीक्षित ने किया। दीक्षित ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु के नेतृत्व एवं प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया के मार्गदर्शन में पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में कार्यक्रम घोषित किया गया है। जिसमें 25 फरवरी से 10 मार्च तक प्रदेश के सभी सांसदों को ज्ञापन देना है। इसी के तहत ज्ञापन दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन साल 2005 से बंद है। इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ दिया जा रहा है। इसमें कर्मचारियों को 1000 से 3000 रुपए पेंशन मिल रही है, जिससे परिवार का जीवन यापन संभव नहीं है। दीक्षित ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु के नेतृत्व में देशभर में 2017 से पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन चल रहा है जिसके कारण सरकार ने पुरानी पेंशन में संशोधन करते हुए एनपीएस से यूपीएस पर आ गई है, लेकिन यूपीएस एनपीएस से भी खतरनाक है। ये कर्मचारियों के साथ धोखा है। कर्मचारियों का बुढ़ापा खराब करने वाली स्कीम है। हम प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने संवेदना प्रकट करते हुए एनपीएस से यूपीएस पर आए हैं, लेकिन यूपीएस में संशोधन की बहुत गुंजाइश है। यूपीएस में भी पुरानी पेंशन की भांति नियम लागू की जाएं और प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के साथ 2005 से पुरानी पेंशन लागू की जाए, जिसमें सेवानिवृत्ति की अंतिम महीने का आधा वेतन पुरानी पेंशन के रूप में मिले तभी जाकर सामाजिक सुरक्षा का दायित्व पूरा होगा।
नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के चरणबद्ध आंदोलन के अंतर्गत संघ के पदाधिकारियों ने खंडवा-बुरहानपुर के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग प्रधानमंत्री के सामने रखने और इसे पूरा कराने का अनुरोध किया। इन कर्मचारियों का नेतृत्व संघ के प्रदेश संयोजक, मप्र कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष, मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह दीक्षित ने किया। दीक्षित ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु के नेतृत्व एवं प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया के मार्गदर्शन में पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में कार्यक्रम घोषित किया गया है। जिसमें 25 फरवरी से 10 मार्च तक प्रदेश के सभी सांसदों को ज्ञापन देना है। इसी के तहत ज्ञापन दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन साल 2005 से बंद है। इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ दिया जा रहा है। इसमें कर्मचारियों को 1000 से 3000 रुपए पेंशन मिल रही है, जिससे परिवार का जीवन यापन संभव नहीं है। दीक्षित ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु के नेतृत्व में देशभर में 2017 से पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन चल रहा है जिसके कारण सरकार ने पुरानी पेंशन में संशोधन करते हुए एनपीएस से यूपीएस पर आ गई है, लेकिन यूपीएस एनपीएस से भी खतरनाक है। ये कर्मचारियों के साथ धोखा है। कर्मचारियों का बुढ़ापा खराब करने वाली स्कीम है। हम प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने संवेदना प्रकट करते हुए एनपीएस से यूपीएस पर आए हैं, लेकिन यूपीएस में संशोधन की बहुत गुंजाइश है। यूपीएस में भी पुरानी पेंशन की भांति नियम लागू की जाएं और प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के साथ 2005 से पुरानी पेंशन लागू की जाए, जिसमें सेवानिवृत्ति की अंतिम महीने का आधा वेतन पुरानी पेंशन के रूप में मिले तभी जाकर सामाजिक सुरक्षा का दायित्व पूरा होगा।