रबी की फसलों पर कीट-रोगों का असर बढ़ने की संभावना:कृषि विभाग ने किसानों को बताए उपाय, बचाव के लिए छिड़काव करने की अपील की

Possibility of increasing effect of pests and diseases on Rabi crops

रबी की फसलों पर कीट-रोगों का असर बढ़ने की संभावना:कृषि विभाग ने किसानों को बताए उपाय, बचाव के लिए छिड़काव करने की अपील की
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group

सीहोर जिले में मौसम में बदलाव के कारण गेहूं और चना जैसी रबी फसलों में कीट और रोगों का असर बढ़ने की संभावना है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को इस समस्या से निपटने के लिए उचित उपाय बताए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौसम में बदलाव और दिन में न्यूनतम तापमान गिरने के कारण पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया ठीक से नहीं हो रही है, जिससे चना फसल पीली पड़ने और सूखने लगी है। इसके साथ ही चने में सुण्डी इल्ली, उकटा और जड़-सड़न रोग का प्रकोप भी देखा जा रहा है, जो फसल को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। कृषि विभाग फसलों की सुरक्षा के उपाय बताएकृषि विभाग ने किसानों को चना फसल की सुरक्षा के लिए इमामेक्टिन बेन्जोएट प्रोफेनोफास (200 ग्राम/एकड़) या क्लोरोइन्ट्रानिलीप्रोल लेम्ब्डासाइलोथ्रिन (80 मिली/एकड़) के साथ फ्लूपायराक्साइड पायरोक्लोरोस्ट्रोबिन (150 मिली/एकड़) या एजोक्सीस्ट्रोबिन टेबूकोनोजोल (150 मिली/एकड़) के साथ 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी है। वहीं गेहूं फसल में भी जड़-माहू कीट और कठुआ इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है, जिससे फसल पीली पड़कर सूख रही है और इल्ली के प्रकोप से फसल की वानस्पतिक वृद्धि और बालियाँ प्रभावित हो रही हैं। इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को इमामेक्टिन बेन्जोएट + प्रोफेनोफास (200 ग्राम/एकड़) के साथ एनपीके 19:19:19 (1 किग्रा/एकड़) का घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई है। अधिकारियों से संपर्क में रहने की अपील की कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए लगातार विभाग के अधिकारियों से संपर्क में रहें और समय-समय पर बताए गए उपायों का पालन करें।