कैलारस के कोढेरा गांव में नाले पर विवाद:सरपंच व ग्रामीणों का आरोप- तेल मिल मालिक ने नाले के लिए नहीं छोड़ी जगह

Controversy

कैलारस के कोढेरा गांव में नाले पर विवाद:सरपंच व ग्रामीणों का आरोप- तेल मिल मालिक ने नाले के लिए नहीं छोड़ी जगह
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group

मुरैना जिले के कैलारस क्षेत्र के कोढेरा गांव में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़क के बगल में निर्माणाधीन तेल मिल को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। ग्रामीणों और सरपंच का आरोप है कि तेल मिल के लिए नाले के लिए आवश्यक जगह नहीं छोड़ी गई, जिससे सिंचाई के लिए पानी की समस्या पैदा हो सकती है। बता दें कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी यह लिंक रोड निरार से कोढेरा गांव को जोड़ती है। इस सड़क की चौड़ाई 26 फीट है और इसके बाद 5 फीट का सोल्डर है। सड़क के ठीक पास दर्शन लाल धाकड़ का खेत है, जहां तेल मिल का निर्माण हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि दर्शन लाल धाकड़ ने नाले के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी, जिससे सिंचाई के लिए पानी का प्रवाह बाधित होगा। खेतों में सिंचाई पर संकट गांव में सिंचाई के लिए सिंचाई विभाग द्वारा एक नाले का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, तेल मिल के सामने यह नाला अधूरा है क्योंकि वहां से गुजरने के लिए जगह नहीं छोड़ी गई। सरपंच राजा बेटी और अन्य ग्रामीणों ने का कहना है कि इससे फसलें प्रभावित होंगी और किसानों को भारी नुकसान होगा। सरपंच और ग्रामीणों का आरोप गांव की सरपंच राजा बेटी ने तहसीलदार कैलारस को पत्र लिखकर तेल मिल निर्माण पर रोक लगाने और समस्या का समाधान निकालने की मांग की है। उन्होंने पटवारी पर भी सही सीमांकन न करने और मिल मालिक का साथ देने का आरोप लगाया है। अन्य ग्रामीणों में विजय सिंह परमार, ज्ञान सिंह कुशवाहा, रामनिवास कुशवाह, मलखान, रघुराम जाटव, दिनेश कुमार, मूलन रजक, उत्तमसिंह, राजेंद्र रजक, रघुनाथ धाकड़ और विशाल धाकड़ शामिल हैं, जिन्होंने मिल मालिक के खिलाफ शिकायत की है। पटवारी बोले- दर्शन लाल अपनी जमीन पर निर्माण करवा रहे पटवारी सतीश धाकड़ ने सफाई देते हुए कहा कि सीमांकन के अनुसार दर्शन लाल धाकड़ अपनी जमीन पर निर्माण कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने माना कि जनहित में उन्हें नाले के लिए जगह छोड़नी चाहिए थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी को जगह छोड़ने के लिए मजबूर करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।