मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने वित्त मंत्री को सौंपा ज्ञापन:निश्चित वेतन ने रोक दी स्थाई कर्मचारियों की ग्रोथ, नहीं मिल रहा वेतनवृद्धि का लाभ

मध्य प्रदेश के 40 हजार से अधिक स्थाई कर्मचारियों की ग्रोथ रुक गई है। इसका कारण निश्चित वेतन देने का प्रावधान है। इन कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिल रहा है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को ज्ञापन सौंपकर इन कर्मचारियों के वेतन में वार्षिक वृद्धि करने की मांग की है। मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि साल 2006 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत योग्यता रखने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी घोषित कर दिया गया। ऐसा करते हुए उन्हें निश्चित वेतन देने का प्रावधान किया गया और वे वार्षिक वेतनवृद्धि के लाभ से वंचित हो गए। प्रदेश के सभी नियमित और अनियमित अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होती है, पर स्थाईकर्मियों के वेतन में नहीं होती। जिससे उनकी ग्रोथ रुक गई है। पांडे बताते हैं कि प्रदेश में कुशल स्थाईकर्मी काे 4000-80-7000+वार्षिक वेतनवृद्धि ,अर्धकुशल को 4500-90-7500+वार्षिक वेतनवृद्धि और कुशल स्थाईकर्मी काे 5000-100-8000+वार्षिक वेतनवृद्धि वेतनमान देने के आदेश जारी किए थे। पिछले 2 वर्ष से समस्त अकुशल, अर्धकुशल, कुशल स्थाईकर्मी अपने निश्चित वेतनमान को पार कर चुके हैं, लेकिन वेतनमान में बढ़ोतरी न होने के कारण स्थाईकर्मियों को वार्षिक वेतनवृद्धि का आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा है। मंच की मांग के बावजूद सरकार ने पिछले 8 वर्षों में वेतनमान में संशोधन नहीं किया है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने वित्त मंत्री को सौंपा ज्ञापन:निश्चित वेतन ने रोक दी स्थाई कर्मचारियों की ग्रोथ, नहीं मिल रहा वेतनवृद्धि का लाभ
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
Follow this link to join my WhatsApp Group
मध्य प्रदेश के 40 हजार से अधिक स्थाई कर्मचारियों की ग्रोथ रुक गई है। इसका कारण निश्चित वेतन देने का प्रावधान है। इन कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिल रहा है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को ज्ञापन सौंपकर इन कर्मचारियों के वेतन में वार्षिक वृद्धि करने की मांग की है। मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि साल 2006 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत योग्यता रखने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी घोषित कर दिया गया। ऐसा करते हुए उन्हें निश्चित वेतन देने का प्रावधान किया गया और वे वार्षिक वेतनवृद्धि के लाभ से वंचित हो गए। प्रदेश के सभी नियमित और अनियमित अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होती है, पर स्थाईकर्मियों के वेतन में नहीं होती। जिससे उनकी ग्रोथ रुक गई है। पांडे बताते हैं कि प्रदेश में कुशल स्थाईकर्मी काे 4000-80-7000+वार्षिक वेतनवृद्धि ,अर्धकुशल को 4500-90-7500+वार्षिक वेतनवृद्धि और कुशल स्थाईकर्मी काे 5000-100-8000+वार्षिक वेतनवृद्धि वेतनमान देने के आदेश जारी किए थे। पिछले 2 वर्ष से समस्त अकुशल, अर्धकुशल, कुशल स्थाईकर्मी अपने निश्चित वेतनमान को पार कर चुके हैं, लेकिन वेतनमान में बढ़ोतरी न होने के कारण स्थाईकर्मियों को वार्षिक वेतनवृद्धि का आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा है। मंच की मांग के बावजूद सरकार ने पिछले 8 वर्षों में वेतनमान में संशोधन नहीं किया है।