3 दिन बाद चीता वायु ने बदला ठिकाना:शिकार किया; स्टेडियम में दिखा, कूनो के बफर जोन में पहुंचा
Cheetah Vayu changed its location after 3 days

श्योपुर, पिछले चार दिन पहले कूनो नेशनल पार्क से निकलकर शहरी इलाके के पास पहुंचे चीता वायु ने तीन दिन बाद अपना ठिकाना बदल लिया है। चीते ने एक मादा स्वान (कुतिया) का शिकार किया और अपनी भूख मिटाई। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात वह शहर के वीर सावरकर स्टेडियम के पास देखा गया। बुधवार को सुबह उसकी लोकेशन बेला भीमलत गांव के पास है। कूनो नेशनल पार्क की चीता ट्रैकिंग टीम इस चीते को ट्रैक कर रही है। अब चीते की लोकेशन भेला भीमला गांव के पास है। इस इलाके से सामान्य और कूनो वन मंडल का बफर जोन का जंगल लगा हुआ है। कयास लगाए जा रहे हैं कि चीता अब कूनो वापस लौट जाएगा। रात में स्टेडियम में देखा गया शहर के वीर सावरकर स्टेडियम के पास क्रेशर बस्ती में रहने वाले युसूफ खान ने बतायाकि स्टेडियम में था। दो गाड़ियां भी कुछ दूरी पर थी। हमने वीडियो बनाया तो दो वर्दी धारी लोगों ने मोबाइल लेकर वीडियो डिलीट कर दिया। दहशत की वजह से शहर के वीर सावरकर स्टेडियम में रहने वाले कर्मचारी भी अपने आवास पर ताला लगाकर कहीं चले गए हैं। लोगों में भी डर का माहौल है। क्रेशर कॉलोनी निवासी महिला तमन्ना खान का कहना है कि रात में चीता स्टेडियम के पास आ गया था, हमारी बस्ती के पास मोर डूंगरी नदी है और पास में जंगल है। पूरी बस्ती के लोग डरे हुए हैं। कलारना गांव निवासी गिर्राज आदिवासी का कहना है कि चीता ने कुत्तिया का शिकार किया है। हमने कुतिया के चिल्लाने की आवाज सुनी थी। फिर हमने घर के अंदर खिड़की से देखा तो चीता उसे खींचकर ले जा रहा था। दोनों हमेशा साथ रहे हैं कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में अग्नि और वायु नाम के दो चीतो को कूनो वन मंडल के अधिकारियों के द्वारा छोड़ा गया था। यह दोनों चीते रिश्ते में सगे भाई हैं जो हमेशा एक साथ रहते हैं एक साथ शिकार करते हैं और मिल बाटकर उस शिकार को खाकर अपना पेट भरते हैं, पहली दफा यह दोनों अलग हुए थे, दोनों अलग-अलग दिशा में कूनो के रिज़र्व जॉन से बाहर निकल गए थे, अब उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों एक दूसरे को तलाशते हुए कूनो वापस पहुंच जाएंगे। ट्रैकिंग टीम में तीन लोग जब भी कोई चीता कूनो नेशनल पार्क से निकलकर बाहर पहुंच जाता है तो उसकी निगरानी और देख रेख के लिए चीता ट्रैकिंग टीम रहती है, इस टीम में तीन-तीन लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है, 24 घंटे के लिए तीन टीम में तैनात रहती है प्रत्येक टीम की ड्यूटी 8 घंटे की होती है, जरूर और जगह के हिसाब से इसमें परिवर्तन भी किया जाता है। टीम में डॉक्टर नहीं रहते सिर्फ वनकर्मी होते हैं जो लगातार चीते की मॉनिटरिंग करते रहते हैं, जरूरत पड़ने पर चीते को ट्रेंकुलाइज भी किया जाता है, लेकिन, इसके लिए भोपाल स्तर के अधिकारियों के द्वारा निर्णय लिया जाता है। चीता जहां भी रहता है अपना पेट भरने के लिए उसे खुद ही मशक्कत करनी रहती है, उसके खाने का इंतजाम वन विभाग नहीं करता बल्कि, वही किसी न किसी जानवर का शिकार करके अपना पेट भरता है। इनका क्या कहना है इस बारे में कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरूकुराल का कहना है कि चीता कहां है उसकी लोकेशन के बारे में हम कोई जानकारी नहीं दे सकते। उसकी निगरानी के लिए हमारी टीमें तैनात है जो 24 घंटे उसे पर निगरानी रखते हैं। चीता जहां भी रहता है वह अपने हिसाब से अपने भोजन का इंतजाम कर लेता है।